उनके रहते तो… चुनाव जीतते ही उमर अब्दुल्ला ने क्यों कर दी पीएम मोदी को पद से हटाने की बात
- जम्मू कश्मीर में चुनावी नतीजे आने के बाद उमर अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 पर नेशनल कांफ्रेंस के रुख की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा केंद्र सरकार के तहत इसे बहाल करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर ली है। इसके बाद अब उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख पर बात की है। NC उपाध्यक्ष ने आर्टिकल 370 पर खामोश रहने से इनकार किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के तहत इसे बहाल करने की उम्मीद करना 'मूर्खता' होगी। गौरतलब है कि 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों में जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन ने 48 सीटें अपने नाम की हैं और उमर अब्दुल्ला जल्द ही मुख्यमंत्री पद संभाल सकते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "हमारा राजनीतिक रुख नहीं बदलेगा। हमने कभी नहीं कहा कि हम अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर चुप रहेंगे या यह अब हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन हम लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए तैयार नहीं हैं। मैंने हमेशा कहा है कि धारा 370 को हटाने वाले लोगों से इसे वापस पाने की उम्मीद करना बेवकूफी है।"
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली पर बातचीत तब तक संभव नहीं है जब तक कि केंद्र में सरकार नहीं बदली जाती और प्रधानमंत्री नहीं बदले जाते। अब्दुल्ला ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आज नहीं तो कल मुल्क में हुकूमत बदलेगी, निजाम बदल जाएगा और एक ऐसी हुकूमत आएगी जिसके साथ हम इस मुद्दे पर बात कर सकेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हासिल कर सकेंगे।"
जहां कांग्रेस के राहुल गांधी ने कई मौकों पर कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश को दिया गया विशेष दर्जा वापस दिलाने की लड़ाई जारी है वहीं उमर और उनके पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की राय इससे अलग है। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वे आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ हैं लेकिन उनका मुख्य ध्यान क्षेत्र के विकास पर है। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।