जम्मू कश्मीर में होगा दिल्ली जैसा हाल? CM संग टकराव की स्थिति पर क्या बोले एलजी मनोज सिन्हा
- जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और बुधवार को उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। अपने और सीएम के रिश्ते में टकराव की स्थिति पर जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि उनकी ओर से वह सुनिश्चित करेंगे कि कोई टकराव ना हो।
राष्ट्रपति शासन हटने के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया है कि अब उनकी भूमिका कितनी बदल जाएगी और नई सरकार और राजभवन के बीच संबंध कैसे होंगे। एक इंटरव्यू में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यह ये एक हिंसा मुक्त चुनाव रहा जो बहुत बड़ी सफलता है।
मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में हाल ही में संपन्न हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, “उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने कई जगहों पर आधी रात के बाद तक प्रचार किया। जो मतदाता पहले भारत के बारे में बात नहीं करना चाहते थे उन्होंने पूरे दिल से चुनाव में भाग लिया और संविधान का समर्थन किया।” एलजी मनोज सिंहा ने आगे कहा, “तीन चरणों के मतदान के बाद एक भी पुनर्मतदान का आदेश नहीं दिया गया किसी भी तरह की धांधली का आरोप नहीं लगा और सबसे जरूरी बात यह है कि यह हिंसा-मुक्त चुनाव था।
चुनी हुई सरकार आने के बाद एलजी के रूप में अपनी भूमिका को लेकर मनोज सिन्हा ने कहा, “संविधान और राज्य पुनर्गठन अधिनियम ने उपराज्यपाल के साथ-साथ मुख्यमंत्री की भूमिका को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। हम उसी के मुताबिक काम करेंगे। दिल्ली में एलजी और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान को लेकर उन्होंने कहा, “इन सभी से निपटा जा सकता है। हम मिलकर ऐसे मुद्दों को सुलझाएंगे। मैं चार साल से जम्मू-कश्मीर में हूं और बहुत काम हुआ है और अब बहुत कुछ किया जाना है। मुझे किसी झगड़े की उम्मीद नहीं है। और कम से कम मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो। मेरी तरफ से टकराव की कोई वजह नहीं होगी।”
केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा के पास सीमित शक्तियों और नए मुख्यमंत्री को सशक्त करने के सवाल पर मनोज सिन्हा ने कहा है कि नई सरकार को उनका पूरा समर्थन रहेगा। उन्होंने कहा, “विकास और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जनादेश मिला है। मुझे भी यही सुनिश्चित करना है। मेरा दायित्व यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज का कोई भी वर्ग विकास से वंचित न रहे और मुझे उम्मीद है कि चुनी हुई सरकार उसी के अनुसार काम करेगी।