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मुश्ताक बुखारी कौन हैं? महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला से तुलना कर रही भाजपा

  • मुश्ताक बुखारी पुंछ जिले के सुरनकोट से 2 बार विधायक रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के वह कभी करीबी हुआ करते थे। मुस्लिम समुदायों में लोग उन्हें पीर साहब के नाम से जानते हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 03:55 PM
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर जारी राजनीतिक हलचल के बीच सीनियर नेता मुश्ताक बुखारी सुर्खियों में हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने शनिवार को मुश्ताक बुखारी की तुलना महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला से की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी समुदाय को 'आजादी' दिलाने के उनके प्रयासों को जमकर सराहा। मालूम हो कि बुखारी 75 साल के हैं, जिन्हें बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र में एसटी आरक्षित सीट सुरनकोट से चुनावी मैदान में उतारा है। निर्वाचन क्षेत्र में बुकारी के लिए आज प्रचार करते हुए तरुण चुघ ने उनकी खूब तारीफ की। जम्मू-कश्मीर में चुघ भगवा दल की गतिविधियों की देखरेख करते हैं।

तरुण चुघ ने कहा, 'जो काम महात्मा गांधी ने किया था, उसे कोई भूल नहीं सकता। जिस भी पार्टी की सरकार आए मगर लोग नेल्सन मंडेला को नहीं भूल सकते। वैसे ही पहाड़ी काबिले को आजादी दिलाने का काम यहां के महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला... बुखारी साहब ने किया है।' बता दें कि मुश्ताक बुखारी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ करीब 4 दशक तक जुड़े रहे। उन्होंने पहाड़ी समुदाय के लिए ST दर्जे पर फारूक अब्दुल्ला से असहमति के चलते फरवरी, 2022 में पार्टी से नाता तोड़ लिया। इसके 2 साल बाद 15 फरवरी को वह भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने इस फैसले को लेकर अपने वादे का हवाला दिया, जो पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का है।

कभी फारूक अब्दुल्ला के हुआ करते थे करीबी

मुश्ताक बुखारी पुंछ जिले के सुरनकोट से 2 बार विधायक रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के वह कभी करीबी हुआ करते थे। मुस्लिम समुदायों में लोग उन्हें पीर साहब के नाम से जानते हैं। बुखारी का पहाड़ी लोगों के बीच काफी प्रभाव माना जाता है, जिनकी संख्या राजौरी, पुंछ, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में लगभग 12.5 लाख है। फरवरी में बजट सत्र के दौरान संसद में पहाड़ी जातीय जनजाति, पद्दारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मणों के लिए आरक्षण को मंजूरी मिली। मालूम हो कि सुरनकोट में 25 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान होना है।

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