कांग्रेस-NC को बढ़त, मगर भाजपा का दांव पलटेगा बाजी? जम्मू-कश्मीर के महापोल में किसकी सरकार
- महापोल के मुताबिक, 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है। एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 35-45 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि बीजेपी को 24-34 सीटों के बीच मिलने की संभावना है।
Jammu-Kashmir Election Exit Poll 2024: शनिवार को आए तमाम एग्जिट पोल में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के गठबंधन को सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है। महापोल के मुताबिक, कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 35-45 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि बीजेपी को 24-34 सीटों के बीच मिलने की संभावना है। वहीं, पीडीपी को 4-6 और अन्य दलों को 12-18 सीटें मिल सकती हैं।
दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी को 20-25 सीटें मिलने की संभावना है जबकि कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 35-40 सीटें। पीडीपी को 4-7 और अन्य दलों को 12-16 सीटें मिलने का अनुमान है।
पीपल्स पल्स के एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि बीजेपी को 23-27 सीटें मिलेंगी और कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 46-50 सीटें मिल सकती हैं। पीडीपी को 7-11 और अन्य दलों को 4-6 सीटें मिलने की संभावना है।
इंडिया टुडे-सी वोटर के अनुसार, बीजेपी को 27-32 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 40-48 सीटें मिलने की संभावना है। पीडीपी को 6-12 और अन्य दलों को 6-11 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
माई एक्सिस इंडिया के मुताबिक, बीजेपी को 24-34 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस-एसी गठबंधन के खाते में 35-45 सीटें आने की संभावना है। वहीं पीडीपी को 4-6 और अन्य दलों के 8-23 सीटें मिलने की संभावना है।
क्या भाजपा बना पाएगी जम्मू-कश्मीर में सरकार
बीजेपी के लिए चुनौती यह होगी कि क्या वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सरकार बना पाएगी। अगर बीजेपी अधिकतम सीटें जीतती है तो उसे अन्य दलों के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है। मगर एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस-एनसी गठबंधन बीजेपी के सरकार बनाने की राह में रोड़ा साबित होंगे।
इस बार क्या रहे मुद्दे
इस बार के विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा अहम रहा है। बीजेपी ने वादा किया है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जबकि कांग्रेस और एनसी ने भी राज्य बहाली का आश्वासन दिया है। इस चुनाव में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी ने कुछ उम्मीदवारों का समर्थन किया और इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ रणनीतिक गठबंधन किया।