अमेरिका के चुनावी नतीजों को लेकर जयशंकर का बयान, बोले- भारत चिंतित नहीं
jaishankar about usa: अमेरिका में आए चुनावी नतीजों के ऊपर अपनी राय रखते हुए जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि इन बदलावों से भारत को मदद मिलेगी। मैं जानता हूं कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से आज कई देश घबराए हुए हैं लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ऐसा भारत के साथ बिलकुल भी नहीं है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल़्ड ट्रंप की जीत को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी राय रखी है। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से कई देश चिंतित हैं, लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि भारत उनमें से एक नहीं है।
मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि चुनावी नतीजों में जीत मिलने के बाद ट्रंप ने जो पहले तीन कॉल किए उनमें पीएम मोदी भी शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तव में कई वैश्विक नेताओं के साथ बेहतर और सूझबूझ भरा तालमेल बनाया है। उन्होंने कहा कि जब पीएम पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में अमेरिका गए थे तब वहां ओबामा राष्ट्रपति थे, उसके बाद ट्रंप आए और फिर बाइडन और अब फिर ट्रंप तो आप समझ सकते हैं कि पीएम ने इन संबंधों को बनाने में स्वाभाविक रूप से बेहतर तालमेल बैठाया है। वैश्विक नेताओं से पीएम मोदी के बेहतर संबंधों का फायदा हमें कूटनीति में भी मिलता है।
दूसरे देशों की तरह हम चिंतित नहीं- जयशंकर
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि कई देश इस परिणाम से चिंतित हैं लेकिन भारत इससे चिंतित या घबराया हुआ नहीं है। उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि इन बदलावों से भारत को मदद मिलेगी। मैं जानता हूं कि अमेरिका में हुए इस सत्ता परिवर्तन से आज कई देश घबराए हुए हैं लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ऐसा भारत के साथ बिलकुल भी नहीं है।
दुनिया बहुध्रुवीय हो रही है- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया अधिक विविद और बहुध्रुवीय हो रही है। दुनिया भर में नई-नई अर्थव्यवस्थाएं उभर रही हैं लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पुरानी, औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं भी यहीं है, वह दूर नहीं हुई है। पुरानी अर्थव्यवस्थाएं लगातार निवेशकों के लिए एक बेहतर निवेश विकल्प भी उपलब्ध कराती हैं।
उन्होंने कहा कि हां लेकिन पिछले दशकों की तुलना में इस दशक में काफी बदलाव हुए हैं। हम स्वयं ही बदलाव का उदाहरण हैं। यदि आप हमारे आर्थिक वजन को देखते हैं, आप हमारी आर्थिक रैंकिंग को देखते हैं, आप यहां तक कि भारतीय कॉरपोरेट्स, उनकी पहुंच, उनकी उपस्थिति, भारतीय पेशेवरों को भी देखते हैं। जिसके बारे में मैंने बात की थी। तो आपको समझ आता है कि हां दुनिया में बदलाव हो रहा है, एक पुनर्संतुलन हो रहा है।