डॉलर को कमजोर करने की कोई इच्छा नहीं, ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी पर जयशंकर का जवाब
- S Jaishankar: विदेश मंत्री जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप की 100 प्रतिशत टैरिफ वाली धमकी को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। भारत अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 100 प्रतिशत टैरिफ वाली धमकी का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। हमारी अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोई इच्छा नहीं है। हमने पहले भी यह स्पष्ट किया है कि भारत डी-डॉलरीकरण के पक्ष में नहीं है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीतने को क्वाड के लिए सकारात्मक बताते हुए जयशंकर ने कहा कि उनके आने से क्वाड संगठन में मजबूती आएगी और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
दोहा फोरम में संयुक्त राज्य अमेरिका के बारे में अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि पहले ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध बहुत बेहतर हुए थे। उन्होंने क्वाड को बढ़ाने में अपना भरपूर सहयोग भी दिया था। हालांकि कुछ ऐसे मुद्दे थे, जिनमें दोनों देशों के बीच में टकराव की स्थिति आई थी। उनमें से ज्यादातर व्यापार से संबंधित थे। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे भी बहुत से मुद्दे थे, जिन पर राष्ट्रपति ट्रंप आगे बढ़कर भारत का साथ दे रहे थे।
पीएम मोदी और ट्रंप की बीच की केमिस्ट्री से मिलती है मदद- जयशंकर
जयशंकर ने पीएम मोदी और राष्ट्र्पति ट्रंप के व्यक्तिगत रिश्ते पर कहा कि दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने में मदद करती है। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप आज हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को देखते हैं तो यहां पर अमेरिका और भारत के बीच में सहयोग बढ़ा है। भारत और अमेरिका आज ऐसी परिस्थिति में जहां पर उनके पास आपसी सहयोग के मुद्दे ज्यादा है। कोई भी मुद्दा ऐसा नहीं है, जो कि विभाजनकारी हो या दोनों देशों के बीच में अलगाव पैदा करे।
ब्रिक्स करेंसी का अभी कोई प्रस्ताव नहीं- विदेश मंत्री एस जयशंकर
ब्रिक्स करेंसी पर अपनी बात को स्पष्ट करते हुए जयशंकर ने कहा कि निश्चित तौर पर हम ब्रिक्स में वित्तीय लेनदेन पर भी चर्चा करते हैं। लेकिन भारत की अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोई योजना नहीं है। अगर यह कमजोर होता है तो इससे हमारे हितों को भी हानि होगी। आज भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है।
विदेश मंत्री ने कहा कि जहां तक ट्रंप की ब्रिक्स वाली टिप्पणी का सवाल है तो मुझे नहीं समझ आता कि किस बात को लेकर यह आई। हमने पहले भी यह स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत डी- डॉलरीकरण के पक्ष में कभी नहीं रहा है। अभी ब्रिक्स करेंसी को लॉन्च करने का कोई प्रोग्राम नहीं है, न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है।