'जिंदगी खटाखट नहीं है', एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर कसा तंज
- एस जयशंकर ने कहा, 'जब तक हम ह्यूमन रिसोर्स डेवलप नहीं करते हैं, तब तक कड़ी मेहनत करनी होती है। इसलिए जीवन खटाखट नहीं है। जिंदगी कड़ी मेहनत है। जीवन परिश्रम है।'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अनोखे अंदाज में तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जिंदगी खटाखट नहीं है, बल्कि मेहनत करनी पड़ती है। शुक्रवार को जिनेवा में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। दरअसल, राहुल ने लोकसभा चुनाव के दौरान दावा किया था कि सत्ता में आने पर कांग्रेस मुद्दों का खटाखट समाधान निकालेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए जरूरी मानव संसाधनों के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि जिन लोगों ने काम किया है, वे परिश्रम का महत्व समझते हैं।
एस जयशंकर ने कहा, ' जब तक हम ह्यूमन रिसोर्स डेवलप नहीं करते हैं, तब तक कड़ी मेहनत करनी होती है। इसलिए जीवन खटाखट नहीं है। जिंदगी कड़ी मेहनत है। जीवन परिश्रम है। कोई भी व्यक्ति जिसने नौकरी की है और मेहनत की है, वो इसे जानता है। इसलिए आपके लिए मेरा यह संदेश है कि कड़ी मेहनत की जाए।' उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के बिना कोई भी देश दुनिया की बड़ी ताकत नहीं बन सकता है।
'बड़ी पावर के लिए टेक्नोलॉजी की जरूरत'
केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने कहा, 'ऐसे लोग भी हैं जो यह कहते हैं कि हम इसमें असमर्थ हैं, इसलिए हमें प्रयास भी नहीं करना चाहिए। अब आप खुद से पूछें कि क्या मैन्युफैक्चरिंग के बिना दुनिया की प्रमुख शक्ति बना जा सकता है? बड़ी पावर को टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ती है और मैन्युफैक्चरिंग के बिना तकनीक विकसीत नहीं की जा सकती।' उन्होंने कहा कि मानव संसाधन के मामले में भारत बहुत कुछ हासिल कर चुका है। हमारा इरादा इसे और भी आगे बढ़ाने का है।
राहुल गांधी का खटाखट वाला बयान
अगर राहुल गांधी के खटाखट वाले बयान का जिक्र करें तो लोकसभा चुनाव के दौरान इसकी काफी चर्चा हुई थी। ओडिशा के बलांगीर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, '4 जून 2024 को इंडिया गठबंधन की सरकार बनने वाली है। इसके तुरंत बाद हिंदुस्तान के सभी गरीब लोगों की सूची बनाई जाएगी। इसमें आदिवासी होंगे, वंचित होंगे, अल्पसंख्यक होंगे, किसान होंगे और उन सभी के खाते में खटाखट पैसा भेजा जाएगा। 4 जुलाई को एक महीने की किश्त 8,500 रुपये बैंक खाते में मिलेगी। साथ ही, एक साल में 1 लाख रुपये महिलाओं के बैंक खाते में डाले जाएंगे।'