Hindi Newsदेश न्यूज़Indian Woman Shahzadi Khan, who was facing death sentence in UAE, executed, Foreign Ministry informed Delhi High Court

UP की शहजादी को UAE में फांसी, 4 माह के बच्चे की हत्या के आरोप में कर रही थी सजा-ए-मौत का सामना

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि इस मामले का पटाक्षेप हो गया है। उसे 15 फरवरी को ही फांसी दे दी गई। उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीMon, 3 March 2025 09:50 PM
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UP की शहजादी को UAE में फांसी, 4 माह के बच्चे की हत्या के आरोप में कर रही थी सजा-ए-मौत का सामना

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के लिए मौत की सजा का सामना कर रही उत्तर प्रदेश की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को ही फांसी दे दी गई। यह जानकारी महिला की सलामती के लिए पिता द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में विदेश मंत्रालय ने दी है। इस घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर जस्टिस सचिन दत्ता ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। बांदा जिले की 33 वर्षीय महिला को चार महीने के एक बच्चे की हत्या के आरोप में अबू धाबी में फांसी की सजा दी गई है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया, ‘‘इस मामले का पटाक्षेप हो गया है। उसे 15 फरवरी को ही फांसी दे दी गई। उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा।’’ सरकार की ओर से यह जानकारी शहजादी खान के पिता द्वारा बेटी की सलामती की जानकारी पाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई।शहजादी खान को 10 फरवरी, 2023 को अबू धाबी पुलिस को सौंप दिया गया था और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई। उसे अल वथबा जेल में रखा गया था।

क्यों मिली सजा-ए-मौत

उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी शब्बीर खान ने कहा कि उनकी बेटी शहजादी की स्थिति को लेकर ‘घोर अनिश्चितता’ बनी हुई थी और स्थिति जानने के लिए विदेश मंत्रालय को कई बार आवेदन दिया लेकिन सारी कोशिशें बेकार गईं। याचिका में आरोप लगाया गया कि शहजादी को उसके नियोक्ता के चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के मामले में स्थानीय अदालतों के समक्ष अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया और उस पर अपराध स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया, जिसके कारण उसे मौत की सजा मिली।

इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी सीमित प्रार्थना यह जानने के लिए है कि क्या उनकी बेटी जीवित है या उसे फांसी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को शहजादी ने जेल से परिवार को फोन करके बताया था कि उसे एक-दो दिन में फांसी दे दी जाएगी और यह उसकी आखिरी कॉल है। उन्होंने बताया कि तब से परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं है।

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अबू धाबी में ही होगा अंतिम संस्कार

केंद्र का पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि दूतावास के अधिकारी और याचिकाकर्ता संपर्क में हैं और परिवार के सदस्यों के बेटी की अंत्येष्टि में शामिल होने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हमने अदालत में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां एक कानूनी फर्म को नियुक्त किया। लेकिन वहां के कानून शिशु की हत्या के मामले में बहुत ही कठोर हैं।’’

याचिका के मुताबिक शहजादी वैध वीजा के साथ दिसंबर 2021 में अबू धाबी गई थी। अगस्त 2022 में, उसके नियोक्ता ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके लिए शहजादी को देखभाल करने वाले के रूप में नियुक्त किया गया था। सात दिसंबर, 2022 को, शिशु को नियमित टीके लगाए गए और उसी शाम दुखद रूप से उसकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता के मुताबिक शिशु के माता-पिता ने पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया और साथ ही मौत की जांच से छूट देने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।

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