ISRO की जगह SpaceX के रॉकेट से लॉन्च हुआ भारत का सैटेलाइट GSAT-N2, क्या वजह?
- India's satellite GSAT-N2: GSAT-N2 एक संचार उपग्रह है जिसे इसरो के सैटेलाइट सेंटर और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आवश्यक संचार बुनियादी ढांचे में डेटा ट्रांसमिशन क्षमता जोड़ेगा।
अरबपति व्यापारी एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स मंगलवार को फ्लोरिडा के कैनावेरल स्टेशन ने भारत का GSAT-N2 लॉन्च किया गया। इसरो और स्पेसएक्स के बीच पिछले कुछ समय में कई व्यावसायिक समझौते हुए हैं। उन समझौतों के तहत यह पहला मौका है जब भारत का कोई उपग्रह स्पेसएक्स के रॉकेट से लॉन्च हुआ है। तो अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक बार में सैंकड़ों सैटेलाइट लॉन्च करके वैश्विक रिकॉर्ड बना चुके इसरो को आखिर सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स की जरूरत कैसे पड़ गई।
क्या है GSAT-N2 जिसे मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है स्पेसएक्स
GSAT-N2 एक संचार उपग्रह है जिसे इसरो के सैटेलाइट सेंटर और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह संचार उपग्रहों की जीसैट श्रृंखला को जारी रखेगा और भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आवश्यक संचार बुनियादी ढांचे में डेटा ट्रांसमिशन क्षमता जोड़ेगा। 48 जीबीपीएस डेटा ट्रांसमिशन की क्षमता के साथ यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ब्रॉडबैंड सेवाओं और इनफ्लाइट कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। मल्टीपल स्पॉट बीम का उपयोग करके, जीसैट-एन2 भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं की दक्षता और कवरेज में सुधार करेगा।
इसरो ने जीसैट 20 के लॉन्च के लिए स्पेसएक्स को क्यों चुना ?
इसरो को अपने सैटेलाइट जीसैट-20 को लॉन्च करने के लिए एक भारी भरकम रॉकेट की आवश्यकता थी। वर्तमान में क्योंकि भारत के सबसे बड़े रॉकेट एलवीएम 3 की पेलोड क्षमता केवल 4000 किलोग्राम ही है, जबकि जीसैट20 का वजन करीब 4700 किलोग्राम है इसलिए इसरो को अपने सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर निर्भर होना पड़ा।
क्या है फाल्कन 9 रॉकेट?
फाल्कन 9 रॉकेट स्पेसएक्स द्वारा बनाया गया एक रियूजेबल रॉकेट है। फाल्कन से सैटेलाइट ही नहीं बल्कि लोगों को भी स्पेस में ले जाया जा सकता है। स्पेसएक्स के अनुसार फाल्कन 9 दुनिया का पहला रियूजेबल रॉकेट है। इसके रियूजेबल होने के कारण कंपनी का बहुत सारा पैसा बचता है, जिसकी वजह से कंपनी के सारे प्रोजेक्ट्स की लागत काफी कम हो जाती है। अंतरिक्ष को लेकर अपनी मजबूत सोच और पक्के इरादों को देखते हुए कंपनी अंतरिक्ष की खोज में उपयोग होने वाले सामानों को और भी सस्ता करने की योजना पर काम कर रही है।