दुश्मनों की आई शामत, 73 हजार घातक बंदूकें खरीद रहा है भारत; US से हुई बड़ी डील
- भारत ने अमेरिका से 73 हजार SiG Sauer असॉल्ट राइफल की डील की है। खास बात है कि ये सेना के लिए पहले खरीदी गईं ऐसी 72 हजार 400 बंदूकों के जखीरे में शामिल होंगी। SiG-716 राइफल्स 7.62x51mm कैलिबर गन होती हैं, जिनकी मारने की क्षमता 500 मीटर होती है।
भारतीय सेना के हथियारों में भारी इजाफा होने जा रहा है। खबरें हैं कि अमेरिका के साथ 70 हजार से ज्यादा बंदूकों की एक डील हुई है। बीते साल दिसंबर में ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली काउंसिल ने इन बंदूकों की खरीद पर मुहर लगा दी थी। खास बात है कि यह खरीद ऐसे समय पर होने जा रही है, जब सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते तल्ख बने हुए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका से 73 हजार SiG Sauer असॉल्ट राइफल की डील की है। खास बात है कि ये सेना के लिए पहले खरीदी गईं ऐसी 72 हजार 400 बंदूकों के जखीरे में शामिल होंगी। SiG-716 राइफल्स 7.62x51mm कैलिबर गन होती हैं, जिनकी मारने की क्षमता 500 मीटर होती है। ये चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर तैनात सैनिकों को दी जानी हैं।
अखबार से बातचीत में एक सूत्र ने बताया कि यह रिपीट ऑर्डर 837 करोड़ रुपये का है। दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी AK-203 Kalashnikov राइफल्स के निर्माण में आ रही देरी के चलते भारत को 72 हजार 400 SiG-716 बंदूकें आयात करनी पड़ी थीं। तब समझौता 647 करोड़ रुपये में हुआ था। इनमें से 66 हजार 400 बंदूकें थल सेना, 4 हजार वायुसेना और 2 हजार नौसेना को दी जानी थीं।
बीते साल दिसंबर में इस खरीदी पर सरकार ने मुहर लगा दी थी। साथ ही सेना 40 हजार 949 लाइट मशीन गन भी खरीद रही है, जिसमें अनुमानित 2 हजार 165 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
AK-203
इस साल ही ही सेना को पहली 35 हजार एके-203 क्लाश्निकोव राइफल मिली थीं, जो उत्तर प्रदेश के अमेठी के कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार हुई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, 10 सालों में कोरवा फैक्ट्री में ऐसी 6 लाख एके-203 राइफल तैय़ार होना है। इनकी रेंज 300 मीटर की होती है। साल 2018 में ही इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया था, लेकिन कीमत, रॉयल्टी, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समेत कई परेशआनियों को चलते विलंब हो गया था।