Hindi Newsदेश न्यूज़India hold will be stronger in Indo pacific where China used to be arrogant Donald Trump

जहां अकड़ता था चीन, वहां मजबूत होगी भारत की पकड़; डोनाल्ड ट्रंप के आने से बदलेंगे यहां के हाल

  • पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के अनुसार इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान ही मुक्त, पारदर्शी और नियम आधारित हिंद प्रशांत क्षेत्र की सोच तैयार हुई थी। इस टर्म का इस्तेमाल पहली बार खुद ट्रंप ने किया था तथा बाद में भारत समेत अन्य देशों ने भी इसे अपनाया।

Nisarg Dixit हिन्दुस्तानFri, 8 Nov 2024 05:49 AM
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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार बनने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी। दूसरा असर यह भी होगा कि यहां चीन की आक्रामकता ढीली पड़ जाएगी। पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के अनुसार ट्रंप सरकार का विशेष फोकस हिंद महासागर और ताइवान में चीन की प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने पर होगा।

'हिन्दुस्तान' से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि चीन को लेकर ट्रंप की नीति क्या होगी। चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने 40 बार चीन का जिक्र किया, जबकि कमला हैरिस ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया।

श्रृंगला के अनुसार इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान ही मुक्त, पारदर्शी और नियम आधारित हिंद प्रशांत क्षेत्र की सोच तैयार हुई थी। इस टर्म का इस्तेमाल पहली बार खुद ट्रंप ने किया था तथा बाद में भारत समेत अन्य देशों ने भी इसे अपनाया। इतना ही नहीं ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका की पैसेफिक कमांड को यूएसइंडोपेकोंम किया गया। यानी इसका फोकस हिंद प्रशांत क्षेत्र पर बढ़ाया गया।

पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि ट्रंप की वापसी कई मायने में भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी नीतियां हमारे लिए अच्छी रही हैं। पीएम मोदी और ट्रंप के रिश्ते मजबूत हैं। उनके बीच अच्छी केमिस्ट्री है। ‘हाउडी मोदी और ‘नमस्ते ट्रंप के दौरान पूरी दुनिया ने इसे महसूस किया।

श्रृंगला ने कहा कि एक महत्वपूर्ण बात और है। ट्रंप चाहते हैं कि दुनिया में जो युद्ध चल रहे हैं, वह खत्म हो। चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर मध्य पूर्व में चल रहे टकराव। जो ट्रंप कह रहे हैं, वह भारत की भी नीति है। भारत भी यही चाहता है कि टकराव खत्म होना चाहिए। शांति कायम हो। इसी प्रयास के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन की यात्रा भी की। इन मुद्दों पर अमेरिका और भारत का एकमत होना और एक दिशा में आगे बढ़ना महत्वपूर्ण हो सकता है। टकरावों को रोकने में भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है।

उनके अनुसार इन टकरावों का दुनिया खासकर विकासशील देशों पर बहुत ज्यादा बोझ पड़ रहा है। इसलिए ट्रंप की नीति भारत के अनुकूल है। लेकिन यह कब होगा, कैसे होगा, यह अलग मुद्दा है।

श्रृंगला के अनुसार ट्रंप जब 2016-20 के दौरान राष्ट्रपति रहे तो भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत रहे। यह दौर न सिर्फ जारी रहेगा बल्कि रिश्तों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी। यह देखना होगा कि यदि सीनेट और हाउस, दोनों में वे मजबूत होते हैं तो कुछ और ऐसे नए कानून पारित हो सकेंगे जो भारत के लिए अहम होंगे।

श्रृंगला ने उम्मीद व्यक्त की कि पन्नू केस को ट्रंप सरकार उतनी तरजीह नहीं देगी जितनी बाइडन के कार्यकाल में मिली है। यह न्यायिक प्रक्रिया के तहत है तथा इससे दो देशों के रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे।

रिपोर्ट: मदन जैड़ा

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