अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे, LAC पर कब तक पीछे हट जाएंगे चीनी सैनिक? 2020 वाली स्थिति होगी बहाल
- वर्तमान बातचीत में केवल पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक के लिए फैसले लिए गए हैं। भारतीय सेना और चीनी सेना इस महीने के अंत तक अपने-अपने गश्त बिंदुओं तक गश्त शुरू कर देंगी।
India China News: भारत से उलझने वाले चीन के आखिरकार होश ठिकाने लग गए हैं। पूर्वी लद्दाख के एलएसी बॉर्डर पर चीनी सैनिक इस महीने के आखिरी तक पूरी तरह से पीछे हट जाएंगे। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीनी सेना इस महीने की 28-29 तारीख तक डिसएंगेजमेंट को पूरा कर लेगी। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच हुए ये समझौते सिर्फ देपसांग और डेमचोक इलाके के लिए ही लागू होंगे। सूत्रों ने कहा, ''यह समझौता अन्य टकराव वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा। दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे और वे उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां उन्होंने अप्रैल 2020 तक गश्त की थी।''
भारतीय सेना के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि नियमित ग्राउंड कमांडरों की बैठकें आयोजित की जाती रहेंगी। गश्ती दल में सैनिकों की एक निश्चित संख्या की पहचान की गई है और किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए एक-दूसरे को सूचित किया जाता है कि हम कब गश्त करने जा रहे हैं। शेड या टेंट और सैनिकों जैसे सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटा दिया जाएगा। दोनों पक्ष क्षेत्र पर निगरानी रखेंगे। देपसांग और डेमचोक में गश्त बिंदु वे बिंदु होंगे जहां हम पारंपरिक रूप से अप्रैल 2020 से पहले गश्त करते थे।"
सूत्रों ने आगे बताया है कि चीन के साथ बातचीत में कोई लेन-देन नहीं हुआ। वर्तमान बातचीत में केवल पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक के लिए फैसले लिए गए हैं। भारतीय सेना और चीनी सेना इस महीने के अंत तक अपने-अपने गश्त बिंदुओं तक गश्त शुरू कर देंगी। बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत और चीन सैनिकों की हिंसा से दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ गई थी। इस घटना में कई भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि चीनी सैनिकों की भी मौत हुई। इसके बाद, कई बार दोनों देशों के बीच टकराव वाली स्थिति बनी। लगातार चल रहीं बातचीत से डिसएंगेजमेंट का फैसला लिया गया।
हाल ही में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी बताया था कि पिछले कई हफ्तों से, भारतीय और चीनी राजनयिक और सैन्य वार्ताकार एक-दूसरे के निकट संपर्क में हैं और इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा पर एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है, जिससे सैनिकों की वापसी हुई है और 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हुआ है। इस समझौते के बाद पिछले दिनों रूस के कजान में हुई ब्रिक्स समिट में भारतीय प्रधानमंत्री पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। यह बैठक दोनों देशों के नेताओं के बीच पांच साल बाद हुई।