चीन बना था मीटिंग हेड और भारत ने लगा दी पाकिस्तान की क्लास, UNSC में गरमा गया माहौल
- भारतीय राजनयिक ने कहा कि भारत लंबे समय से पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की हरकतों से पीड़ित है। इसके बाद भी जब आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान यह कहता है कि वह दहशतगर्दों से निपटने की कोशिश में है तो यह दुनिया की सबसे बड़ी विडंबना है। इस पर कभी भरोसा नहीं होता।
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान को खूब सुनाया है। यही नहीं इस मीटिंग की अध्यक्षता पाकिस्तान का करीबी दोस्त चीन कर रहा था, लेकिन भारत ने आतंकवाद के मामले में आईना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीटिंग में भारतीय राजनयिक ने कहा कि भारत लंबे समय से पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की हरकतों से पीड़ित है। इसके बाद भी जब आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान यह कहता है कि वह दहशतगर्दों से निपटने की कोशिश में है तो यह दुनिया की सबसे बड़ी विडंबना है। इस मीटिंग की अध्यक्षता चीन कर रहा था, जो पाकिस्तान पर हो रहे तीखे हमलों को चुपचाप सुनता रहा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के बयान के जवाब में खूब सुनाया। पाकिस्तानी मंत्री ने ग्लोबल गवर्नेंस में सुधार को लेकर एक डिबेट में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया था। इसके बाद जब भारत की बारी आई तो पी. हरीश ने खूब सुनाया और पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र करार दिया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है। उसके यहां से ऐसे 20 से ज्यादा आतंकी संगठन चल रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।' उन्होंने कहा, 'यह दुनिया की सबसे बड़ी विडंबना होती है, जब पाकिस्तान कहता है कि वह आतंकवाद से लड़ेगा या लड़ रहा है। भारत तो लंबे समय से पाकिस्तान से फैलने वाले आतंकवाद से ही पीड़ित है। उसी की जमीन से जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन जैसे संगठन सक्रिय हैं।'
भारत ने कहा कि पाकिस्तान में तो जैश-ए-मोहम्मद जैसे दर्जनों आतंकी संगठन ऐक्टिव हैं। भारतीय अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में सक्रिय कई आतंकी संगठनों को 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत लिस्ट किया गया है। इन संगठनों और उनके कई लोगों पर ट्रैवल बैन हैं। हथियारों को रखने पर पाबंदी है और संपत्ति भी सीज की जा सकती है। चीन की अध्यक्षता में हो रही मीटिंग में पाकिस्तान को सुनाना दिलचस्प था। इसकी वजह यह है कि पहले भी कई बार जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव रखा तो चीन उसके बचाव में आ गया। अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए चीन ने उसे रोक दिया था। हालांकि अमेरिका और फ्रांस जैसे देश अकसर आतंकवाद के मामलों में भारत के प्रस्तावों का समर्थन करते रहे हैं।
पी. हरीश ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवाद किसी भी संगठन या देश की ओर से छेड़ा जाए, वह गलत ही है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों का कत्लेआम करने वाले आतंकवाद का किसी भी लिहाज से बचाव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस संस्था को यह तय करना होगा कि गुड आतंकवाद और बैड आतंकवाद जैसी नहीं होती। आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है और उससे सख्ती से निपटने की जरूरत है।