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पश्चिम बंगाल पुलिस को हाई कोर्ट से झटका, RSS को मिल गई रैली की इजाजत; भागवत भी करेंगे शिरकत

  • कोलकाता हाई कोर्ट ने आरएसएस को बर्धमान जिले में रैली की परमीशन दे दी है। इससे पहले जिला पुलिस ने आरएसएस को रैली की इजाजत नहीं दी थी। इस रैली में संघ प्रमुख भी शिरकत कर सकते हैं।

Ankit Ojha पीटीआईFri, 14 Feb 2025 03:00 PM
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पश्चिम बंगाल पुलिस को हाई कोर्ट से झटका, RSS को मिल गई रैली की इजाजत; भागवत भी करेंगे शिरकत

कोलकाता हाई कोर्ट ने आरएसएस को पश्चिम बंगाल में रैली करने की अनुमति दे दी है। इस रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंच सकते हैं। 16 फरवरीको पूर्व बर्धमान जिले में यह रैली होनी है। पुलिस ने इस रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आरएसएस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस अमृता सिन्हा ने आयोजकों को रैली के लिए सशर्त अनुमति दी है।

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ ने रैली की सशर्त अनुमति देते हुए कहा कि आयोजक उपस्थित भीड़ की संख्या के साथ-साथ लाउडस्पीकरों की आवाज पर भी नजर रखेंगे हालांकि, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि रैली स्थल के नजदीक कोई स्कूल नहीं है। पीठ ने पाया कि प्रस्तावित रैली के दिन रविवार को कोई परीक्षा निर्धारित नहीं है।

जिला पुलिस की तरफ से कहा गया था कि पश्चिम बंगाल में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा रैली की वजह से भीड़ हो सकती है जिससे परीक्षार्थियों को सेंटर पर पहुंचने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिला पुलिस ने कहा था कि रैली का आयोजन स्थल स्कूल के पास है। रविवार को ही सभा भी होनी है और ऐसे में परीक्षा की प्रक्रिया में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों पश्चिम बंगाल के ही प्रवास पर हैं। यहां वह जमीनी स्तर पर नेटवर्क विस्तार को लेकर रणनीति बना रहे हैं। वह लगातार संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर वह पश्चिम बंगाल में बीजेपी की जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा आरएसएस का स क्रिय रहना बांग्लादेश में अल्पसंख्यक आबादी पर कथित उत्पीड़न के मुद्दे को भी पकड़ने का एक तरीका है। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के साथ बड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। वहीं हाल ही में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। ऐसे में दक्षिणपंथी दल के लिए यह बड़ा मुद्दा बन गया है।

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