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जख्मों पर नमक छिड़क रहे, निर्वासितों के लिए पुलिस बस भेजने पर घिरी हरियाणा सरकार

  • हरियाणा सरकार अमेरिका से निर्वासित करके लाए गए अपने नागरिकों के लिए पुलिस बस भेजने को लेकर घिर गई है। अमृतसर से 33 डिपोर्टीज को लाने के लिए पुलिस बस का इस्तेमाल किया गया था। कई नेताओं ने इसके लिए नायब सैनी सरकार की आलोचना की है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, भावेव नागपाल, करनालMon, 17 Feb 2025 07:58 AM
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जख्मों पर नमक छिड़क रहे, निर्वासितों के लिए पुलिस बस भेजने पर घिरी हरियाणा सरकार

हरियाणा सरकार अमेरिका से निर्वासित करके लाए गए अपने नागरिकों के लिए पुलिस बस भेजने को लेकर घिर गई है। अमृतसर से 33 डिपोर्टीज को लाने के लिए पुलिस बस का इस्तेमाल किया गया था। कई नेताओं ने इसके लिए नायब सैनी सरकार की आलोचना की है। पंजाब सरकार के मंत्री ने तो इसे निर्वासितों के जख्मों में नमक छिड़कने जैसा बताया है। गौरतलब है कि अमेरिका से डिपोर्ट करके लाए गए भारतीयों का जहाज अमृतसर एयरपोर्ट उतरा था। यहां से हरियाणा के 33 लोगों को पुलिस की दो गाड़ियों में भरकर अंबाला पुलिस लाइन ले जाया गया। कुछ जरूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद इन लोगों को उनके संबंधित जिलों में भेज दिया गया। आंकड़ों के मुताबिक नौ लोग करनाल, आठ कैठल, चार अंबाला, दो कुरुक्षेत्र और अन्य लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से थे।

अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का वीडियो सामने आया है। इसमें पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल हरियाणा सरकार पर पुलिस बसें भेजने के लिए निशाने पर ले रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह वाहन कैदियों को ढोने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। हरियाणा सरकार इन पुलिस वाहनों का इस्तेमाल डिपोर्टीज के लिए कर रही है। पंजाब सरकार के मंत्री ने आगे कहाकि यह पिछली बार भी हुआ था। यह दुखद है। मैं हरियाणा के परिवहन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज से पूछना चाहूंगा कि उन्होंने उनके लिए अन्य वाहन/बसें क्यों नहीं भेजीं? पंजाब ने इस उद्देश्य के लिए बेहतर वाहन का उपयोग किया। मंत्री ने आगे कहाकि वास्तव में, हरियाणा से कोई सार्वजनिक या सरकारी प्रतिनिधि यहां नहीं आया, अन्यथा उन्होंने बेहतर बसें भेजी होतीं। मैं इसकी निंदा करता हूं। धालीवाल ने कहाकि यह कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि निर्वासित किए गए लोग पहले से ही तनाव में हैं। फिर इस तरह से उनका स्वागत करना दिखाता है कि सरकार उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही है।

इसी तरह, कांग्रेस राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी इस कदम पर सवाल उठाया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जब जरूरत इस बात की है कि हम अपने इन नौजवानों के साथ मजबूती से खड़े हों ,उनके चकनाचूर हो चुके आत्मसम्मान की रक्षा करें तब मुख्यमंत्री सैनी और उनकी सरकार अपने हरियाणा के नौजवानों को अमरीका से डिपोर्ट होने पर जेल की वैन में कैदियों की तरह अमृतसर से हरियाणा ले जा रही है। पहले परदेश में अपमान और जलालत, अब अपने वतन में शर्मिंदगी का सामना ।

इस मुद्दे पर हरियाणा राज्य सरकार की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सूत्रों ने कहाकि एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, राज्य के अधिकारियों ने उनकी पुलिस वाहनों में अंबाला तक निर्वासितों को एस्कॉर्ट किया। ऐसी आशंका है कि निर्वासितों में से कुछ के क्रिमिनल रिकॉर्ड हो सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहाकि केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों से आगे की औपचारिक मंजूरी के बाद, पुरुषों को उनके संबंधित जिलों के लिए जाने की अनुमति दी गई है।

इस बीच, कुरुक्षेत्र पुलिस ने कहाकि उन्होंने एक पेहोवा निवासी साहिल वर्मा को एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार किया। वह भी निर्वासितों में से एक था। यह गिरफ्तारी 2022 में उसके खिलाफ पॉस्को ऐक्ट के तहत दर्ज मामले में की गई है। एक बयान में, एसपी वरुण सिंगला ने कहाकि केस दर्ज होने के लगभग पांच दिन बाद, वह एजेंटों की मदद से अमेरिका चला गया। इसके लिए उसने 38 लाख रुपए खर्च किए। उसे अमृतसर हवाई अड्डे से पेहोवा सिटी पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने गिरफ्तार किया।

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