हरियाणा में भाजपा या कांग्रेस कौन मारेगा बाजी, जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार; नतीजे आज
- हरियाणा में भाजपा को हैट्रिक का भरोसा है तो कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता में वापसी का इंतजार कर रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में क्या इंडिया गठबंधन बाजी मार पाएगा? मतगणना आज सुबह आठ बजे से शुरू होगी।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना होगी। सुबह आठ बजे से काउंटिंग शुरू होते ही रुझान भी आने शुरू हो जाएंगे। हरियाणा में जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भरोसा है कि वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होगी, वहीं एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में 370 हटने के बाद पहली बार हुए चुनाव के बाद नई सरकार किसकी होगी? एग्जिट पोल में त्रिशंकु सरकार बन सकती है।
हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पंकज अग्रवाल ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मतगणना स्थलों पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’ लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। इस चुनाव के परिणाम का इस्तेमाल विजेता द्वारा अन्य राज्यों में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जाएगा, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।
इस चुनाव में मुख्य पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) हैं। ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। बाद में एक आधिकारिक बयान में सीईओ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के 22 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में 93 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि बादशाहपुर, गुरुग्राम और पटौदी विधानसभा सीटों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है। मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, उसके 30 मिनट बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती की जाएगी। सीईओ ने कहा कि मतगणना के प्रत्येक चरण की सटीक जानकारी समय पर अपलोड की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में बहुकोणीय मुकाबला
जम्मू-कश्मीर में भी हरियाणा के साथ ही मतदान हुआ, लेकिन वहां ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बजाय बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। मतगणना से एक दिन पहले कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के शीर्ष नेताओं ने केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार बनाने का विश्वास जताया। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। गठबंधन ने दावा किया कि वे अपने दम पर 90 सदस्यीय सदन में 46 का जादुई आंकड़ा पार कर लेंगे। वहीं, भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों पर निर्भर है और पीडीपी ने कहा कि उसके समर्थन के बिना जम्मू-कश्मीर में कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार संभव नहीं है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो वह केंद्र सरकार का कार्यकाल बढ़ाये जाने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगी। अब्दुल्ला ने अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख अब्दुल रशीद शेख के आज दिये गये उस बयान पर यह टिप्पणी की जिसमें कहा गया था कि जिसे भी बहुमत मिलेगा, उसे जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल होने तक सरकार नहीं बनानी चाहिए। नेशनल कांफ्रेंस नेता ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा , “वह आदमी 24 घंटे के लिए दिल्ली जाता है और वापस आकर सीधे भाजपा के हाथों में खेल जाता है। भाजपा अगर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो वह जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार का कार्यकाल बढ़ाए जाने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगी।”
नई सरकार के सामने चुनौतियों का पहाड़
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नयी सरकार के लिए चुनौतियां होंगी। अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर में नयी सरकार के लिए चुनौतियों के संदर्भ में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “चुनौतियां बहुत हैं। पिछले 10 सालों में राज्य पहले की तुलना में बहुत नीचे चला गया है। उन चुनौतियों का सामना करना होगा और ऐसा किया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक रुख अपनायेगी, भले ही हम उनके विपरीत हों। यह भी उम्मीद है कि उन्हें इसका एहसास होगा। जम्मू-कश्मीर एक महत्वपूर्ण राज्य और भारत का मुकुट है और सीमाओं पर इसके दो दुश्मन हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या समान विचारधारा वाले लोग जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने में उनकी पार्टी के साथ शामिल होंगे, उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि ऐसा होगा..मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं..मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा। ये सभी लोग जो हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं और एक मजबूत सरकार बनायेंगे। एक ऐसी सरकार जो लोगों को वह देगी जो वे चाहते हैं। मैं एक बेहतर जम्मू-कश्मीर बनाने के लिए एक साथ आकर बहुत खुश हूं। हमें पूरे देश में चमकना चाहिए।