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Hindi Newsदेश न्यूज़GPS glitches car runs out fuel Tower technician and his partner dies in Saudi Arabia What is Ruba al-Khali desert

GPS ने दिया धोखा, कार में तेल भी खत्म; साथी संग टेक्निशियन की तड़प-तड़पकर मौत

रुबा अल-खली रेगिस्तान को खाली क्वार्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह चार देशों में फैला हुआ है और अपनी बदतर स्थितियों के लिए बदनाम है। इस रेगिस्तान में ना तो कोई ऊंट और ना ही कोई इंसान और ना ही किसी तरह का कोई वन्यजीव पाया जाता है। इस कारण इस दुर्गम इलाके में रास्ता तलाश पाना कठिनतम कार्य है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तानMon, 26 Aug 2024 11:38 AM
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सऊदी अरब में टॉवर टेक्निशियन के तौर पर काम करने वाले तेलंगाना के 27 वर्षीय शहजाद खान की तब अपने एक साथी के साथ तड़पकर मौत हो गई, जब वे दोनों एक टॉवर की गड़बड़ी ठीक करने ड्यूटी पर निकले थे। जिस इलाके का टॉवर ठीक करने का काम शहजाद को मिला था, वह दुनिया के सबसे खतरनाक रेगिस्तानों में से एक रुबा अल-खली रेगिस्तान है। जब दोनों अपने असाइनमेंट पर कार में निकले तो दोनों ने GPS (Global Positioning System) के जरिए मंजिल पर जाने का विकल्प चुना लेकिन रास्ते में जीपीएस ने काम करना बंद कर दिया।

इस वजह से शहजाद अपना रास्ता भटक गए। वे खतरनाक रेगिस्तान में फंस गए और बालुओं के टीले के बीच फंस गए। उन्हें ना तो अपनी मंजिल का पता चल पा रहा था और न ही अपनी वापसी का कोई सटीक रास्ता दिख रहा था। रेगिस्तान में दोनों भटकते रहे। उनके पास संचार का कोई साधन भी काम नहीं कर रहा था। इस दौरान उनकी कार में तेल भी खत्म हो गया।

प्रचंड गर्मी और लू की वजह से दोनों थक गए और दोनों डिहाइड्रेटेड हो गए। इससे उनकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई। ये दोनों टेक्निशियन पांच दिन पहले ही अपनी ड्यूटी पर निकले थे। शहजाद खान तेलंगाना के करीम नगर जिले के रहने वाले थे और पिछले तीन सालों से सऊदी अरब में नौकरी कर रहे थे। वह अल हसा क्षेत्र में एक टेलीकॉम कंपनी में टॉवर टेक्निशियन के तौर पर काम कार्यरत थे।

क्या है रुबा अल-खली रेगिस्तान

रुबा अल-खली रेगिस्तान को खाली क्वार्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह चार देशों में 650 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और अपनी बदतर स्थितियों के लिए बदनाम है। इस रेगिस्तान में ना तो कोई ऊंट और ना ही कोई इंसान और ना ही किसी तरह का कोई वन्यजीव पाया जाता है। इस कारण इस दुर्गम इलाके में दिशा ढूंढ़ पाना या रास्ता तलाश पाना कठिनतम कार्य है। यह लगभग असंभव है।

बिना पानी या भोजन के और चिलचिलाती धूप में उस दुर्गम रेगिस्तान में शहजाद और उनके साथी को भी इसी तरह की दुर्दशा का सामना करना पड़ा और अंतत: निर्जलीकरण और थकावट की वजह से उनकी जान चली गई। कई दिनों तक जब उन दोनों का पता नहीं चला तो कंपनी ने उनके उनके लापता होने की सूचना दी। इसके बाद सऊदी अधिकारियों ने उनकी तलाश शुरू की। अंततः रेगिस्तान में उन दोनों के बेजान शव मिले।

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