क्या अजमेर को भी संभल बनाना है, सर्वे से क्या दिक्कत; विपक्ष पर भड़के गिरिराज
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा कि यदि सर्वे हो जाएगा तो क्या दिक्कत है। पता चल जाएगा कि सच्चाई क्या है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग तो अजमेर को भी संभल बनाना चाहते हैं। संभल में अदालत ने सर्वे कराने का आदेश दिया था।
राजस्थान की मशहूर अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली अर्जी को स्थानीय अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। हिंदू सेना नाम के संगठन की ओर से एक अर्जी दाखिल हुई थी, जिसमें कहा गया था कि दरगाह को एक शिव मंदिर के ऊपर बनाय गया है। कोर्ट की ओर से अर्जी स्वीकार करने के बाद से ही विवाद जारी है और विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी, रामगोपाल यादव समेत कई नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं और उनका कहना है कि ऐसी अर्जियां आखिर क्यों स्वीकार हो रही हैं। रामगोपाल यादव ने तो यहां तक कहा कि छोटे-छोटे जज देश में बवाल करा रहे हैं।
इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा कि यदि सर्वे हो जाएगा तो क्या दिक्कत है। पता चल जाएगा कि सच्चाई क्या है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग तो अजमेर को भी संभल बनाना चाहते हैं। उनका कहना था कि संभल में अदालत ने सर्वे कराने का आदेश दिया था। लेकिन फिर भी वहां इस तरह बवाल हुआ कि कई लोग मारे गए। गिरिराज सिंह ने कहा कि आखिर संभल में कोर्ट के फैसले से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है। वहां सर्वे ही तो हुआ, लेकिन फिर भी इतना बवाल किया गया।
बता दें कि अजमेर की स्थानीय अदालत में हिंदू सेना के लीडर विष्णु गुप्ता की ओर से अर्जी दाखिल की गई है। इसमें एक पुस्तक के हवाले से दावा किया गया है दरगाह से पहले यहां मंदिर था और उसका विध्वंस करके ही दरगाह बनी है। ऐसे में अदालत को इसका सर्वे करने का आदेश देना चाहिए। याचिका को हुए जज मनमोहन ने सुनवाई के योग्य माना है और सरकार, एएसआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया है और उससे जवाब मांगा गया है। बता दें कि ओवैसी का कहना है कि 800 साल पुरानी दरगाह के खिलाफ याचिका दाखिल करना एक साजिश है और मुसलमानों से सब कुछ छीन लेने की कोशिश की ओर एक कदम है।