गोवा से नाता तोड़ रहे विदेशी पर्यटक? ट्वीट पर बवाल, मंत्री बोले- चीन से आया था डेटा
- रोहन खौंटे ने कहा कि झूठे प्रचार से स्थानीय समुदायों के बीच डर पैदा हुआ और सरकार को इस पर कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने स्वीकार किया कि गोवा में कुछ समस्याएं हैं।
पिछले हफ्ते गोवा का पर्यटन उस समय सुर्खियों में आ गया जब एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि "विदेशी पर्यटकों ने गोवा से मुंह मोड़ लिया है।" इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया। कई यूजर्स ने गोवा में अपने खराब अनुभवों को शेयर किया। इस विवाद पर गोवा के पर्यटन विभाग ने पहले स्पष्टीकरण जारी किया और फिर पोस्ट लिखने वाले उद्यमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
"छुपे हुए एजेंडा और गलत मंशा से हो रही बदनामी"
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इस प्रकार के दावे राज्य की छवि को खराब करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने गोवा की तुलना थाईलैंड और श्रीलंका जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थलों से करने को गलत बताया। उन्होंने कहा, "गोवा हमेशा से एक पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है। लेकिन हर साल कोई न कोई इसे अलग नजरिए से देखता है। पिछले साल भी कुछ लोगों ने गोवा को बदनाम करने की कोशिश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हुए।"
वायरल पोस्ट का विवाद
मंत्री ने कहा, "हमने विधानसभा में और शायद संसद में भी पर्यटकों की संख्या के आंकड़े रखे हैं। अब अचानक, एक सोशल मीडिया पोस्ट में "चीन आर्थिक सूचना केंद्र" के आंकड़ों के बारे में बात की गई है। जैसे ही चीन शब्द आता है, खतरे की घंटियां बजने लगती हैं। इसलिए, यह ऐसे राज्य के बारे में झूठा प्रचार करने की एक योजना या छिपा हुआ एजेंडा लगता है, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य रहा है।"
मंत्री ने कहा कि वायरल पोस्ट में 2019 में गोवा में 8.5 मिलियन विदेशी पर्यटकों के आंकड़े का दावा किया गया, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा, "2019 में, महामारी से पहले, गोवा में 71,27,287 घरेलू और 9,37,113 विदेशी पर्यटक आए थे। 2023 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 81,75,460 रही और विदेशी पर्यटकों की संख्या 4,52,702 थी। यह आंकड़े महामारी के बाद की चुनौतियों के बावजूद बेहतर हैं।"
रोहन खौंटे ने कहा कि झूठे प्रचार से स्थानीय समुदायों के बीच डर पैदा हुआ और सरकार को इस पर कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने स्वीकार किया कि गोवा में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन यह किसी भी पर्यटन राज्य में सामान्य होती हैं। इंटरव्यू में मंत्री ने गोवा में प्रमुख चुनौतियों के बारे में भी बताया।
अवैध दलाल: मंत्री ने बताया कि अवैध दलालों के खिलाफ पिछले दो वर्षों में सरकार ने आक्रामक अभियान चलाए हैं।
टैक्सी माफिया: उन्होंने इसे गलत दृष्टिकोण बताया। उन्होंने कहा कि "टैक्सी चालकों के साथ विदेशी पर्यटकों का लंबे समय से अच्छा संबंध रहा है। लेकिन कुछ लोग छवि खराब करते हैं।"
महंगी हवाई यात्रा और होटल रेट: मंत्री ने कहा कि इनकी कीमतें बाजार के हिसाब से तय होती हैं और सरकार इसमें सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हालांकि, वे कनेक्टिविटी बढ़ाने और अन्य देशों से गोवा को जोड़ने के प्रयास कर रहे हैं।
अन्य देशों से तुलना
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा गोवा की तुलना श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों से करने पर मंत्री ने कहा, "हम एक छोटे से राज्य हैं, जिसकी आबादी 15 लाख है, लेकिन हम हर साल 1 करोड़ पर्यटकों की मेजबानी करते हैं। हमारी अन्य राज्यों से तुलना नहीं की जा रही, बल्कि झूठे आंकड़ों के आधार पर अन्य देशों से तुलना की जा रही है। यह गोवा को बदनाम करने की साजिश लगती है।"
पर्यटन का महत्व
गोवा की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान 16.43% है और यह राज्य के 35-40% रोजगार का स्रोत है। मंत्री ने कहा, "हम एक भारत, अतुल्य भारत हैं। हमें अपनी छवि को बढ़ावा देना चाहिए, न कि झूठी जानकारी से इसे नुकसान पहुंचाना।" उन्होंने उम्मीद जताई कि अक्टूबर-दिसंबर के पीक सीजन में, सेंट फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी, आईएफएफआई और अन्य त्योहारों के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक गोवा आएंगे।