26 जनवरी से पहले जोर पकड़ने लगा किसान आंदोलन, पैदल ही दिल्ली मार्च का ऐलान
- Kisan Andolan: बीते साल 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली में घुसने तकी कोशिश करेंगे। इससे पहले किसानों ने तीन बार दिल्ली में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे थे।
Kisan Andolan: विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान बीते कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने फिर एकबार दिल्ली मार्च का ऐलान किया है। किसान यूनियनों ने अपने चल रहे आंदोलन को तेज करते हुए गुरुवार को घोषणा की कि वे 21 जनवरी 2021 को फिर से हरियाणा सीमा पार करने का प्रयास करेंगे। इसमें 101 किसानों का समूह शामिल होगा, जिन्हें "मरजीवड़ा" नाम दिया गया है। मरीजवाड़ का मतलब होता है जो अपनी जान देने के लिए तैयार हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले साल 2021 में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के द्वारा 26 जनवरी को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ कर सेंट्रल दिल्ली में जबरन घुसे गए थे। आंदोलनकारी किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर अपना अपना झंडा फहराया था। हालांकि, बाद में उनके झंडे को लाल किले से हटा दिया गया और पुलिसिया कार्रवाई में उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया था।
बीते साल 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली में घुसने तकी कोशिश करेंगे। इससे पहले किसानों ने तीन बार दिल्ली में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे थे। ये किसान 6, 8 और 14 दिसंबर को दिल्ली मार्च की कोशिश किए थे।
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सर्वन सिंह पंधेर ने कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि केंद्र सरकार हमारे साथ बातचीत करने के मूड में है। हमारा 101 किसानों का समूह 21 जनवरी को एक और प्रयास करेगा। अब सरकार के ऊपर है कि वह हमारी मांगों को पूरा करे या हमें मार डाले।"