महाकुंभ के आईआईटी वाले बाबा ने की थी ISI के लिए जासूसी? वायरल दावे का क्या सच
- IIT Baba Mahakumbh Fact Check: कुछ पोस्ट्स वायरल हो रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि महाकुंभ के वायरल बाबा अभय सिंह असल में जासूसी के आरोप में दोषी पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर हैं, जो भागकर महाकुंभ पहुंचे हैं। जानिए क्या है सच्चाई…
IIT Baba Mahakumbh Fact Check: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में रोजाना लाखों-करोड़ों भक्त शामिल हो रहे हैं। मान्यता है कि संगम में डुबकी लगाने से लोगों को पापों से मुक्ति मिल जाती है। डेढ़ महीने तक चलने वाले महाकुंभ में इस बार बड़ी संख्या में साधु-संत भी पहुंचे हैं, जिसमें से कई खूब वायरल हो रहे हैं। आईआईटी मुंबई से पढ़े अभय सिंह भी बाबा के रूप में दिख रहे हैं और वे महाकुंभ में चर्चा का विषय बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके वीडियोज को लाखों करोड़ों व्यूज आ रहे हैं। कई लोग जहां उनकी प्रशंसा कर रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं, जोकि उनके विरोध पर उतर आए हैं। कुछ पोस्ट्स वायरल हो रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि महाकुंभ के वायरल बाबा अभय सिंह असल में जासूसी के आरोप में दोषी पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर हैं, जो भागकर महाकुंभ पहुंचे हैं।
अभय सिंह पर क्या हो रहा है दावा?
फेसबुक और एक्स पर कुछ पोस्ट्स लिखे गए, जिसमें कहा गया कि आईआईटी वाले बाबा का दरअसल वास्तविक नाम निशांत अग्रवाल है और वह आईआईटी रोपड़ के छात्र रहे हैं। बाद में वह ब्रह्रोस में इंजीनियर बने, लेकिन उसके बाद वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूस के तौर पर पकड़े गए। बाद में उन्हें दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा हुई। इस दावे के साथ ही इंजीनियर निशांत अग्रवाल को हुई उम्रकैद से जुड़ी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के लिंक भी शेयर किए गए। कई लोगों ने यह सच भी मान लिया कि महाकुंभ में जो आईआईटी वाले बाबा के वीडियोज वायरल हो रहे हैं, वह निशांत अग्रवाल ही हैं, जिन्हें जासूसी के मामले में दोषी ठहराया गया है। हालांकि, इसकी सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है।
क्या है वायरल दावे की सच्चाई?
सोशल मीडिया पर आईआईटी मुंबई के अभय सिंह (महाकुंभ वाले बाबा) और आईआईटी रोपड़ से पढ़े और दोषी ठहराए गए निशांत अग्रवाल को एक ही बताया जा रहा है। निशांत की पुरानी तस्वीर भी शेयर की जा रही है और कहा जा रहा है कि यह आईआईटी बाबा की पुरानी तस्वीर है। जब हमने इसका फैक्ट चेक किया तो यह दो अलग-अलग मामले निकले। जो महाकुंभ में बाबा के वीडियोज वायरल हो रहे हैं, वे हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की है, जबकि निशांत अग्रवाल दूसरा व्यक्ति है। वह आईआईटी रोपड़ से पढ़ा है, लेकिन बाद में ब्रह्रोस से जुड़ी अहम जानकारियां आईएसआई तक पहुंचाने के मामले में दोषी पाया गया और फिर उम्रकैद हुई। यानी कि सोशल मीडिया पर हो रहा दावा पूरी तरह से फेक निकला है। अभय सिंह (महाकुंभ वाले बाबा) और निशांत अग्रवाल (उम्रकैद वाला शख्स) अलग-अलग है और दोनों का एक-दूसरे से कोई कनेक्शन नहीं है।