Notification Icon
Hindi Newsदेश न्यूज़Explained Chandrayaan 4 Venus Mission and Rocket Soorya ISRO new mission approved

चांद से मिट्टी लाने से लेकर, अंतरिक्ष में भारतीयों की छलांग तक; ISRO की धमाकेदार तैयारियों को मंजूरी

  • मोदी सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चार बड़े अंतरिक्ष अभियानों को मंजूरी दे दी है। ये मिशन कुल मिलाकर 31,772 करोड़ रुपये के हैं और 2040 तक भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का खाका तैयार करते हैं।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 Sep 2024 04:24 PM
share Share

हाल ही में केंद्र सरकार की कैबिनेट ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चार बड़े अंतरिक्ष अभियानों को मंजूरी दे दी है। ये मिशन कुल मिलाकर 31,772 करोड़ रुपये के हैं और 2040 तक भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का खाका तैयार करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह पर मिशन, गगनयान मिशन का विस्तार, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और नए रॉकेट सूर्य की मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट की ये मंजूरी मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन के भीतर ही आई है। इसरो के चेयरमैन डॉ. एस सोमनाथ ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष रोडमैप को अब पंख मिल गए हैं।" उन्होंने कहा कि इन चार अहम मंजूरियों के बाद भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और तेजा से आगे बढ़ने के लिए तैयार हो गया है।

चांद से नमूने वापस लाएगा चंद्रयान-4

चंद्रायन-3 की सफल लैंडिंग के बाद चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद की सतह से नमूने इकट्ठा कर उन्हें धरती पर वापस लाना है। यह मिशन भारत को भविष्य में चांद पर मानव भेजने और सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी तकनीक को विकसित करने में मदद करेगा। इसमें लैंडिंग, डॉकिंग/अनडॉकिंग, और सुरक्षित वापसी जैसी तकनीकें शामिल हैं। इस मिशन के लिए 2,104 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और इसे 36 महीनों में पूरा किया जाएगा।

शुक्र ग्रह पर पहला मिशन

भारत अब शुक्र ग्रह पर भी अपने पहले मिशन की तैयारी कर रहा है। शुक्र ग्रह की सतह, वातावरण, और सौर प्रभावों का अध्ययन करने के लिए शुक्र ऑर्बिटर मिशन (VOM) का विकास किया जाएगा। यह मिशन मार्च 2028 में लॉन्च किया जाएगा और इसके लिए 1,236 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। शुक्र ग्रह का अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धरती के निकटतम ग्रह है और इसके विकास से यह समझने में मदद मिलेगी कि ग्रहों के वातावरण अलग-अलग तरीके से कैसे विकसित हो सकते हैं।

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और गगनयान की तैयारी

गगनयान मिशन के तहत मानव को अंतरिक्ष में भेजने के प्रोजेक्ट का विस्तार करते हुए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS-1) बनाने की भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए कुल 20,193 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है और इसका लक्ष्य दिसंबर 2029 तक पहला यूनिट लॉन्च करना है। इस मिशन के तहत आठ बड़े अभियानों की योजना है, जिसमें अनक्रूड मिशन भी शामिल हैं। यह अंतरिक्ष स्टेशन भारत को दीर्घकालिक अंतरिक्ष अनुसंधान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।

रॉकेट सूर्य, अगली पीढ़ी का उन्नत लॉन्च व्हीकल

कैबिनेट ने अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल (NGLV) की भी मंजूरी दी है, जिसे अब सूर्य नाम दिया गया है। यह रॉकेट तीन गुना ज्यादा पेलोड क्षमता वाला होगा और इसकी लागत मौजूदा रॉकेट्स से 1.5 गुना अधिक होगी। इस रॉकेट के विकास के लिए 8,239 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है और इसे 96 महीनों में पूरा किया जाएगा। सूर्य रॉकेट को फिर से इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे अंतरिक्ष में कम लागत में पहुंचा जा सकेगा

2040 तक विकसित भारत की ओर

डॉ. सोमनाथ ने कहा कि इसरो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। अंतरिक्ष तकनीक आज हर भारतीय के जीवन को प्रभावित कर रही है और इन मंजूरियों के साथ भारत अब अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें