ED बांटेगी 32 लाख स्कैम पीड़ितों को रकम, बेचने वाली है आरोपियों की 6 हजार करोड़ की संपत्ति
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि वह कानून में बदलाव की संभावनाएं तलाश रहे हैं, ताकि फ्रॉड का शिकार हुए निवेशकों को कुर्क की गई संपत्तियों का इस्तेमाल कर रकम वापस दिलाई जा सके।
ED यानी प्रवर्तन निदेशालय पॉन्जी स्कैम का शिकार हुए लाखों निवेशकों को रकम लौटाने की तैयारी कर रहा है। खबर है कि इसकी शुरुआत भी कर दी गई है, जिसके चलते 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कुर्क संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खास बात है कि शीर्ष न्यायालय और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भी 'अपराध की आय' को गरीब निवेशकों को वापस लौटाने का पक्ष लिया था।
खास बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि वह कानून में बदलाव की संभावनाएं तलाश रहे हैं, ताकि फ्रॉड का शिकार हुए निवेशकों को कुर्क की गई संपत्तियों का इस्तेमाल कर रकम वापस दिलाई जा सके।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एग्री गोल्ड पॉन्जी स्कैम के 32 लाख पीड़ितों को राशि वापस करने के लिए 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कुर्क संपत्ति बेची जा रही है। बीते सप्ताह ही ईडी ने एग्री गोल्ड कंपनी और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ हैदराबाद के PMLA कोर्ट का रुख किया था। एजेंसी ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में अटैच की गई संपत्तियों के निपटान की मांग की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जिन संपत्तियों के संबंध में ईडी की तरफ से आवेदन दाखिल किया गया है, उनमें 2310 आवासीय और कमर्शियल प्लॉट, अपार्टमेंट, एम्यूजमेंट पार्क शामिल हैं।' अटैच की गईं 2310 संपत्तियों में से 2254 आंध्र प्रदेश में हैं, 43 तेलंगाना में, 11 कर्नाटक और 2 ओडिशा में हैं। इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने APPDFE एक्ट के तहत CID की तरफ से अटैच की गई संपत्तियों की वापसी की अनुमति दी थी।
मामला
एग्री गोल्ड स्कीम के एजेंट्स ने 32 लाख ग्राहकों से 6 हजार 400 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए थे। आंध्र प्रदेश CID ने पहले भी हाईकोर्ट का रुख किया था और ईडी की तरफ से अटैच संपत्तियों को रिजीज करने की मांग की है, ताकि पीड़ितों में रुपया बांटा जा सके। ED ने दिसंबर 2020 में एग्री गोल्ड ग्रुप और इसके प्रमोटर अवा वेंकट रामा राव उनके परिवार के सदस्यों अवा वेंकट सेषु नारायण और अवा हेमा सुंदर वारा प्रसाद को गिरफ्तार किया था।