ईडी ने BBC इंडिया पर लगाया 3.4 करोड़ का जुर्माना, निदेशकों पर भी ऐक्शन
- ईडी ने बीबीसी इंडिया के निदेशकों - जाइल्स एंथनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल - पर भी व्यक्तिगत रूप से 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) इंडिया और उसके निदेशकों पर विदेशी फंडिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 3.44 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। ईडी ने कहा कि बीबीसी इंडिया ने डिजिटल मीडिया संगठनों के लिए तय 26% विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा का पालन नहीं किया और इसे 100% बनाए रखा, जो कि भारतीय कानूनों का उल्लंघन है।
ईडी ने जारी किया आदेश
शुक्रवार को जारी एक आदेश में ईडी ने कहा, "बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया पर 3,44,48,850 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही 15 अक्टूबर 2021 के बाद अनुपालन न करने के लिए प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है।" इसके अलावा, कंपनी के तीन निदेशकों – जाइल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिब्बन्स – पर व्यक्तिगत रूप से 1,14,82,950 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आयकर विभाग की जांच के बाद ईडी की कार्रवाई
ईडी ने अप्रैल 2023 में फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत बीबीसी इंडिया के खिलाफ जांच शुरू की थी। इससे पहले, फरवरी 2023 में आयकर विभाग ने दिल्ली सहित कई शहरों में बीबीसी इंडिया के दफ्तरों पर सर्वे किया था। एक अधिकारी ने बताया कि "सितंबर 2019 में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एक अधिसूचना जारी कर डिजिटल मीडिया में एफडीआई सीमा 26% तय की थी। इसके बावजूद, बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया ने अपनी विदेशी हिस्सेदारी कम नहीं की और इसे 100 प्रतिशत बनाए रखा, जिससे सरकार के नियमों का उल्लंघन हुआ।"
बीबीसी का पक्ष
हिंदुस्तान टाइम्स ने बीबीसी से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, फरवरी 2023 में आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद बीबीसी ने कहा था कि "हम भारत सरकार के अधिकारियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा।" बीबीसी ने यह भी कहा था कि "हम एक विश्वसनीय, स्वतंत्र मीडिया संगठन हैं और अपने पत्रकारों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे, जो बिना किसी भय या पक्षपात के रिपोर्टिंग जारी रखेंगे।"
फेमा कानून और ईडी की भूमिका
फेमा कानून को 1999 में लागू किया गया था और इसका उद्देश्य विदेशी व्यापार व भुगतान को सुविधाजनक बनाना और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के सुव्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करना है। ईडी को विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच, निर्णय और दंड लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।