बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके लूटे 33 लाख रुपये, विदेश भेज दिया सारा धन; ईडी ने 2 को पकड़ा
- ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन्होंने फर्जी खातों को मैनेज करने, अवैध नकदी को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने और इसे विदेश भेजने में अहम भूमिका निभाई।'
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल अरेस्ट के मामले में बड़ा ऐक्शन लिया है। चेन्नई स्थित जोनल ऑफिस की ओर से इस घोटाले के सिलसिले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने फेक अकाउंट बनाकर धोखाधड़ी की और अवैध नकदी को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया। इतना ही नहीं, यह धनराशि विदेशों में भेज दी गई। एक वरिष्ठ नागरिक की ओर से चेन्नई पुलिस को इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ईडी ने इस घोटाले की जांच शुरू की। शिकायतकर्ता का दावा था कि दोनों घोटालेबाजों ने उससे 33 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।
ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन्होंने फर्जी खातों को मैनेज करने, अवैध नकदी को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने और इसे विदेश भेजने में अहम भूमिका निभाई।' ईडी के सूत्रों के मुताबिक, इनमें से एक को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे को नई दिल्ली में अरेस्ट किया गया। ये दोनों देश से भागने की कोशिश कर रहे थे। ईडी ने दावा किया कि आरोपियों ने फिनटेक सर्विस देने वाली कंपनियों के खातों में नकदी जमा करने के लिए कैश डिपॉजिट मशीन का भी दुरुपयोग किया। इसके बाद इन फंडों को अलग-अलग खातों में भेज दिया गया, जिससे आरोपियों को क्रिप्टोकरेंसी हासिल करने में मदद मिली।
'डिजिटल धोखाधड़ी पर लगाम लगाना जरूरी'
ईडी की ओर से यह ऐक्शन ऐसे समय लिया गया है जब डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को बैंकों से इनपर लगाम लगाने के लिए मजबूत व सक्रिय प्रणाली बनाने पर जोर दिया। ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए तीसरे पक्ष के सेवा-प्रदाताओं की निगरानी बढ़ाने का भी आग्रह किया। आरबीआई की विज्ञप्ति के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम के प्रबंधन और साइबर सुरक्षा पर मल्होत्रा ने चर्चा की। उन्होंने बैंकों से तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर निगरानी बढ़ाने की अपील की, ताकि उनसे उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम किया जा सके। बैठक में आरबीआई और बैंकों से साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया गया और बैंकों से कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे गए।