भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर ED का एक और ऐक्शन, करोड़ों रुपये की संपत्तियां और बैंक बैलेंस जब्त
- यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें कुल 6498.20 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई जोनल ऑफिस ने पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी से जुड़े अपराध से अर्जित संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है। जब्त की गई संपत्तियों में 29.75 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां और बैंक बैलेंस शामिल हैं। ईडी ने यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें कुल 6498.20 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप था।
जांच के दौरान, भारत में नीरव मोदी और उसकी कंपनियों से जुड़ी 29.75 करोड़ रुपये की संपत्तियां की पहचान की गई। इनमें भूमि, इमारत और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है। इन संपत्तियों को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत अस्थायी रूप से जब्त किया गया है। पीएमएलए जांच के दौरान, ईडी ने पहले नीरव मोदी और उसके सहयोगियों की भारत और विदेशों में करीब 2596 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त किया था।
इसके अलावा, फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (FEOA), 2018 के तहत मुंबई की विशेष अदालत ने नीरव मोदी और उसके सहयोगियों की 692.90 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था। साथ ही, 1052.42 करोड़ रुपये की संपत्तियों को पीएनबी और अन्य बैंकों के समूह को वापस किया गया है, जिन्हें बाद में भौतिक रूप से पीड़ित बैंकों को सौंप दिया गया है। इस मामले में ईडी ने पहले ही नीरव मोदी और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ विशेष अदालत (पीएमएलए) में प्रॉसिक्यूशन शिकायत दायर की है।
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी है। वह पिछले कई सालों से फरार है। उसके खिलाफ भारत में कई मामलों में जांच चल रही है और वह इस समय ब्रिटेन में जेल में बंद है, जहां से उसे भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण की कार्यवाही की जा रही है। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के जरिए बैंकों को चूना लगाया था। इस घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ था, जिसके बाद नीरव मोदी फरार हो गया था।
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने इस घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद नीरव मोदी की संपत्तियों को जब्त करने का सिलसिला जारी है। इससे पहले भी नीरव मोदी की भारत और विदेश में कई संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है, जिनकी कुल कीमत कई करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी ने अपने बयान में कहा है कि नीरव मोदी को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सजा दिलाने के लिए वह हरसंभव कदम उठा रहा है और इस घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लंदन में नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई है, जो अभी भी प्रगति पर है। इस साल की शुरुआत में, नीरव मोदी ने यूके की अदालत में जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे सातवीं बार खारिज कर दिया गया था। इसके बाद, उसने यूके उच्च न्यायालय में जमानत आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसे बाद में उसने वापस ले लिया। वर्तमान में, नीरव मोदी यूके की जेल में बंद हैं। नीरव मोदी को भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियां लगातार ब्रिटेन की अदालतों में प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगी हुई हैं। नीरव मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं, और उसे भारत लाने के बाद इन सभी मामलों में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा।
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