लाहौर के पास से उड़ रहे थे ड्रोन, नागरिक विमानों को बनाया ढाल; सेना ने खोली PAK की पोल
सेना ने बताया कि ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे। पाक ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी जो काफी असंवेदनशील है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।

Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को गहरी चोट दी है। भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया हो, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि अगर उधर से कोई हमला होता है तो उसका करारा जवाब देने में समय नहीं लगेगा। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पाकिस्तान और पीओके में पल रहे आतंकियों को लेकर उसकी पोल खोली। सेना ने बताया कि भारत ने नौ आतंकी कैंपों पर हमले करके 100 आतंकियों को ढेर कर दिया। वहीं, जब पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन से हमला किया तो उसने नागरिक विमानों को अपनी वायु सीमा में उड़ाकर उन्हें ढाल बनाने की नापाक कोशिश की। इसके अलावा, ये ड्रोन हमले लाहौर के पास से किए गए थे।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "आप सभी अब तक उस क्रूरता और नृशंस तरीके से परिचित हो चुके हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की असमय हत्या कर दी गई थी। जब आप उन भयावह दृश्यों और परिवारों के दर्द को जोड़ते हैं, जो राष्ट्र ने हमारे सशस्त्र बलों और निहत्थे नागरिकों पर हाल ही में हुए कई अन्य आतंकवादी हमलों के साथ देखा, तो हम जानते थे कि एक राष्ट्र के रूप में हमारे संकल्प को एक और मजबूत बयान देने का समय आ गया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' की अवधारणा आतंक के अपराधियों और योजनाकारों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ की गई थी।"
उन्होंने आगे कहा, ''इसके बाद सीमा पार के आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण स्थलों की पहचान की गई। कई जगहें सामने आईं, लेकिन जैसे-जैसे हमने और विचार-विमर्श किया, हमें एहसास हुआ कि इनमें से कुछ आतंकी केंद्र अब मौजूद नहीं थे और हमसे प्रतिशोध के डर से पहले ही खाली कर दिए गए थे। हमने तय किया था कि सिर्फ आतंकवादियों को ही निशाना बनाया जाए और इस तरह से होने वाले नुकसान को रोका गया। नौ शिविर थे, जिनसे आप सभी अब परिचित हैं, जिनकी पुष्टि हमारी विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने की थी। इनमें से कुछ पीओजेके में थे, जबकि कुछ अन्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे। मुरीदके जैसे नापाक स्थान, जो लश्कर-ए-तैयबा का केंद्र था, ने वर्षों से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे कुख्यात लोगों को पाला था।''
वहीं, एयर मार्शल एके भारती ने बताया, "8 और 9 की रात को साढ़े दस बजे से ही, हमारे शहरों पर ड्रोन आदि का व्यापक हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक था। हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी टारगेट को कोई नुकसान न पहुंचे। एक संतुलित जवाबी कार्रवाई में हमने एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया। ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया। ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी, न केवल उनके अपने विमान बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।"