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देशभर में विरोध प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी में डॉक्टरों पर हमला, कई गिरफ्तार; क्या थी वजह?

  • यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, गुवाहाटीTue, 20 Aug 2024 05:05 PM
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देशभर में विरोध प्रदर्शनों के बीच असम के गुवाहाटी में डॉक्टरों पर हमला करने का मामला सामने आया है। सरकारी गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में एक मरीज की मौत के बाद तीन जूनियर डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में कम से कम पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवक की कल सुबह मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया और कथित तौर पर तीन डॉक्टरों पर हमला किया। हमले के जवाब में, जीएमसीएच के प्रिंसिपल-कम-चीफ सुपरिंटेंडेंट ने एक एफआईआर दर्ज की और हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि जीएमसीएच पूर्वोत्तर में सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। खुद सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में परास्नातक चिकित्सक के बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।

चिकित्सकों की सुरक्षा और कुशलक्षेम को राष्ट्रीय हित का मामला बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद, चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा तथा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के वास्ते मंगलवार को 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया। न्यायालय ने कहा कि यह कार्यबल तीन सप्ताह के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा और यौन हिंसा दोनों के विरुद्ध चिकित्सा प्रतिष्ठानों में संस्थागत सुरक्षा मानदंडों की कमी गंभीर चिंता का विषय है। उसने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं लेकिन उनमें व्यवस्थागत मुद्दों का समाधान नहीं है।

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