Hindi Newsदेश न्यूज़Dispute between India and China due to different maps CDS said cannot say who is wrong

भारत-चीन के बीच अलग-अलग मैप के कारण विवाद; CDS बोले- कह नहीं सकता कि कौन गलत

  • जनरल चौहान का यह बयान भारत-चीन सीमा विवाद और भविष्य में होने वाले सैन्य संघर्षों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 21 Nov 2024 05:44 AM
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भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह विवाद दोनों देशों के मानचित्रों की अलग-अलग समझ के कारण है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि कौन सा सही है और कौन सा गलत। जनरल चौहान इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में ‘भविष्य के युद्ध और भारतीय सशस्त्र बल’ विषय पर एक व्याख्यान दे रहे थे।

जब उनसे भारत के मानचित्र के 1947 के बाद सिकुड़ने और विशेष रूप से चीन के संदर्भ में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “अगर हम 1950 में चीन की स्थिति में होते और उनका मानचित्र देखते तो उन्हें भी यह लगता कि उनका मानचित्र सिकुड़ रहा है। वे अरुणाचल प्रदेश का दावा करते हैं। यह विवाद चलता रहेगा। हम यह नहीं कह सकते कि कौन सा सही है और कौन सा गलत।” चौहान ने आगे कहा कि दोनों देशों के दृष्टिकोण में भिन्नता है और इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कौन सही है।

उन्होंने चीन और पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कोई भी पेशेवर सेना भविष्य के युद्ध के लिए तैयारी कर रही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने अपनी सेना का पुनर्गठन पहले ही नौ साल पहले कर लिया था। भारत को यह मानकर ही अपने सैन्य तैयारियों को मजबूत करना चाहिए कि चीन भविष्य के युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकता है।

अग्निपथ योजना पर बात करते हुए जनरल चौहान ने इसे एक अच्छा कदम बताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, ताकि यह और प्रभावी बने।

सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करते हुए जम्मू और कश्मीर के पूर्व गवर्नर और पूर्व रक्षा सचिव एन. एन. वोहरा ने मणिपुर में शांति बनाए रखने के संदर्भ में सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि जब सेना को नागरिकों की सहायता के लिए में तैनात किया जाता है, तो क्या इसके उद्देश्य और शर्तें स्पष्ट होती हैं? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह के कार्यों के लिए सही सिस्टम नहीं हैं, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इस दौरान श्याम सरन भी मौजूद थे, जो पूर्व विदेश सचिव हैं। जनरल चौहान का यह बयान भारत-चीन सीमा विवाद और भविष्य में होने वाले सैन्य संघर्षों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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