दिल्ली-हरियाणा के बीच मेट्रो का चौथा फेज मंजूर, 85 केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय भी खुलेंगे
- अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले में मौजूदा केंद्रीय विद्यालय का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सभी विद्यालयों को खोलने पर 8 हजार 232 करोड रुपये के खर्च का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना के तहत 26.463 किलोमीटर लंबे रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को मंजूरी दी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्य हरियाणा के बीच संपर्क और बेहतर हो जाएगा। इस पूरे खंड पर 21 स्टेशन होंगे और सभी एलिवेटेड होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रोजेक्ट को मंजूरी की तारीख से 4 साल के अंदर पूरा किया जाना है। इस परियोजना के तहत शहीद स्थल (नया बस अड्डा)-रिठाला (रेड लाइन) कॉरिडोर का विस्तार किया जाएगा। दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों जैसे नरेला, बवाना और रोहिणी के कुछ हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसकी पूरी लागत 6,230 करोड़ रुपये है।
देश भर के अलग अलग जिलों में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विन वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले में मौजूदा केंद्रीय विद्यालय का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सभी विद्यालयों को खोलने पर 8 हजार 232 करोड रुपये के खर्च का अनुमान है।
केंद्रीय विद्यालयों पर 5,872 करोड़ खर्च का अनुमान
केंद्रीय विद्यालय योजना (केंद्रीय क्षेत्र योजना) के तहत सभी कक्षाओं में 2 अतिरिक्त अनुभाग जोड़कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की सुविधा प्रदान की जाएगी। केंद्रीय विद्यालयों पर 5 हजार 872 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इसमें पूंजीगत व्यय 2862.71 करोड़ रुपये और परिचालन व्यय 3009.37 करोड़ रुपये आएगा। अभी देश और विदेश में 1256 केंद्रीय विद्यालय हैं जिनमें से तीन मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में हैं। इन विद्यालयों में कुल 13.56 लाख छात्र पढ़ रहे हैं। 28 नवोदय विद्यालय खोलने पर 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों की अवधि में 2359.82 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसमें 1944 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय और 415. 63 करोड रुपये परिचालन व्यय होगा। इन विद्यालयों से 15 हजार 680 छात्रों को लाभ पहुंचेगा और रोजगार के 1300 अवसर सृजित होंगे। अभी देश में 661 नवोदय विद्यालय हैं।