EVM किस हद तक सुरक्षित? चुनाव आयुक्त ने बताई पूरी प्रक्रिया, कहा- गड़बड़ी का सवाल ही नहीं
- चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिस दिन मतदान होना होता है तभी एजेंट के सामने सील तोड़ी जाती है। सीरियल नंबर के आधार पर यह चेक भी कराया जाता है कि आपने जिस ईवीएम में सील लगाई थी, ये वही वाली है ना।'
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर उठते सवालों का जवाब दिया। मंगलवार को उन्होंने यह विस्तार से बताया कि कैसे ईवीएम में गड़बड़ी के दावे पूरी तरह से गलत हैं। सीईसी ने पूरी प्रक्रिया बताते हुए कहा, 'चुनाव की तारीख से 7 या 8 दिन पहले ईवीएम को कमीशन किया जाता है, उसमें सिंबल डाले जाते हैं जो कि एजेंट के सामने होता है। इसके बाद मॉक पोल करने की छूट होती है। उसी दिन ईवीएम में नई बैटरी डाली जाती है और उसे सबके सामने सील करते हैं। EVM को उठाकर स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है और फिर से सील लगाई जाती है।'
चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिस दिन मतदान होना होता है तभी एजेंट के सामने सील तोड़ी जाती है। सीरियल नंबर के आधार पर यह चेक भी कराया जाता है कि आपने जिस ईवीएम में सील लगाई थी, ये वही वाली है ना। सुबह मतदान होने से पहले एक बार फिर से मॉक पोल कराया जाता है। उन्होंने कहा, 'पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र के अंदर मौजूद रहते हैं। वे लोग सारे रिकॉर्ड रखते हैं कि कौन आया और कौन गया। शाम को पोलिंग स्टेशन छोड़ने से पहले फार्म 17 सी के जरिए मत संख्या बता दी जाती है कि किसमें कितने वोट पड़े। EVM को दोबारा स्ट्रॉन्ग रूम लेकर जाते हैं और वहां ताला लगाया जाता है। मतगणना वाले दिन फिर से सील चेक कराई जाती है। उन्हें फार्म 17 सी से मिलवाया जाता है। जब यह मिलान होता जाता है, तभी काउंटिंग शुरू होती है। इसके बाद रैंडम तौर पर सिलेक्ट किए गए 5 वीवीपैट की भी गिनती होती है।'
'ईवीएम में फर्जी वोट जोड़ने का दावा गलत'
राजीव कुमार ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी यह कह चुका है कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती। इनमें वायरस या बग डालने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। साथ ही, EVM में फर्जी वोट जोड़ने का दावा भी गलत है। अदालतों के अलग-अलग फैसलों में ये बातें कही जा चुकी हैं।' उन्होंने कहा कि ईवीएम की सत्यता को लेकर और क्या कहा जा सकता है। EVM पूरी तरह से पारदर्शी है। इसलिए ईवीएम से छेड़छाड़ करने वाली बातों में कोई दम नहीं है। CEC ने कहा, 'हम अब इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते। VVPAT प्रणाली वाली EVM मतदान प्रणाली की सटीकता सुनिश्चित करती है। पुराने पेपर बैलट की वापसी अनुचित और प्रतिगामी है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारना है।'