रक्षा मंत्री ने ग्रे जोन और हाइब्रिड युद्ध का किया जिक्र; कहा: भारत बनेगा दुनिया का ड्रोन हब
- ‘ग्रे जोन’ और ‘हाइब्रिड युद्ध’ शब्द शांति और बड़े पैमाने पर संघर्ष के बीच की स्थिति को दर्शाते हैं। पारंपरिक सीमा-संबंधी खतरों के साथ साथ आज के दौर में आतंकवाद, साइबर हमलों और हाइब्रिड युद्ध जैसे खतरे भी बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एडॉप्टिव डिफेंस के लिए तैयार रहने की जरूरत पर जोर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि जवानों को ‘ग्रे जोन’ और ‘हाइब्रिड’ युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा है कि जहां युद्ध के पारंपरिक तरीकों को चुनौती मिली है वहां यह तरीके कारगर साबित होंगे। रक्षा मंत्री ने मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान में आयोजित दिल्ली रक्षा वार्ता का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने उभरती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए युद्ध के नए तरीके अपनाने पर जोर दिया। गौरतलब है कि ‘ग्रे जोन’ और ‘हाइब्रिड युद्ध’ शब्द शांति और बड़े पैमाने पर संघर्ष के बीच की स्थिति को दर्शाते हैं। पारंपरिक सीमा-संबंधी खतरों के साथ साथ आज के दौर में आतंकवाद, साइबर हमलों और हाइब्रिड युद्ध जैसे खतरे भी बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “सरकार ने बदलते भू-राजनीतिक और तकनीकी परिदृश्य में एडॉप्टिव रणनीति की आवश्यकता को पहचाना है और एक मजबूत और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम बनाने के लिए कई पहल की हैं।” उन्होंने कहा कि इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की स्थापना, तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता को बढ़ावा देना, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सुधार और दुनिया भर में नई रक्षा साझेदारी बनाना शामिल है। राजनाथ सिंह ने इसे केवल एक रणनीतिक विकल्प नहीं बल्कि आज के दौर की जरूरत बताया। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे हमारे देश के लिए खतरे विकसित हुए हैं वैसे-वैसे हमारी रक्षा प्रणाली और रणनीतियां भी विकसित होनी चाहिए। हमें भविष्य की सभी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए।"
रक्षा मंत्री ने उभरते हुए खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए देश की सैन्य और रक्षा तंत्र को लगातार विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "एडॉप्टिव डिफेंस सिर्फ जो हुआ है उसका जवाब देना नहीं है, बल्कि यह अनुमान लगाना है कि क्या हो सकता है और इसके लिए पहले से तैयारी करना है। संक्षेप में, इसमें अप्रत्याशित और विकसित परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी मानसिकता और क्षमता विकसित करना शामिल है।"
राजनाथ सिंह ने कहा है कि डिजिटलीकरण और इन्फॉर्मेशन एज के वर्तमान युग में दुनिया बड़े पैमाने पर मनोवैज्ञानिक युद्ध का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, "भारत दुनिया का ड्रोन हब बनने का लक्ष्य बना रहा है क्योंकि ड्रोन और स्वार्म तकनीक आधुनिक युद्ध में बड़ा परिवर्तन ला रही हैं। हम अनुसंधान और विकास में सुधार करने और इस क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए काम कर रहे हैं।"