कांग्रेस को कर्नाटक से आई खुश करने वाली खबर, शुरू कर दी 2028 की तैयारी; DK का बोम्मई पर तंज
- उपचुनाव में संदूर और शिग्गांव सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था तो वहीं चन्नपटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जद(सेक्युलर) कड़ी टक्कर दे रहा था।
महाराष्ट्र में करारी हार की ओर बढ़ रही कांग्रेस पार्टी के लिए कर्नाटक से अच्छी खबर सामने आई है जहां पार्टी पहले से ही सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक की सभी तीनों सीटें जीत गई है। कर्नाटक में तीन विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव हुआ था। पार्टी ने तीनों सीटें- संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना जीत ली हैं। उपचुनाव में संदूर और शिग्गांव सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था तो वहीं चन्नपटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जद(सेक्युलर) कड़ी टक्कर दे रहा था।
अब नतीजे आ चुके हैं। संदूर विधानसभा सीट से कांग्रेस की ई अन्नापूर्णा ने 93616 मतों से जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को 9649 के अंतर से हराया। संदूर में कांग्रेस प्रत्याशी ई अन्नपूर्णा का मुकाबला भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष बंगारू हनुमंतु से था। हनुमंतु को पार्टी नेता और पूर्व खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी का करीबी माना जाता है। वहीं शिग्गांव विधानसभा सीट से कांग्रेस के पठान यासिर अहमद खान ने भाजपा सांसद व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई को 13448 के अंतर से हराया।
चन्नपटना विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस के सी पी योगीश्वर ने भाजपा की सहयोगी जेडीएस के निखिल कुमारस्वामी को 25413 के बड़े अंतर से हराया। चन्नपटना विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सबसे अधिक 31 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि शिग्गांव से आठ और संदूर से छह उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। विधानसभा की तीन सीट में से चन्नपटना में सबसे कड़ा मुकाबला माना जा रहा था, जहां टक्कर कांग्रेस के सीपी योगीश्वर और कुमरस्वामी के बेटे व पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी के बीच था। इस सीट पर कांग्रेस की जीत उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख शिवकुमार व उनके भाई तथा पूर्व सांसद डीके सुरेश के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी ताकि इस सीट पर जीत के साथ वह अपने गृह जिले रामनगर में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।
पूर्व कर्नाटक सीएम बोम्मई के बेटे की करारी हार, डीके बोले- ये सब पिता का किया धरा है
कांग्रेस की तीनों सीटों पर जीत के बाद कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर तंज कसा। विधानसभा उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "मैं यह नहीं कहता कि यह भरत बोम्मई (शिगगांव से भाजपा उम्मीदवार) की हार है, यह उनके पिता (बसवराज बोम्मई) ने जो किया उसके लिए लोगों का संदेश है। केवल दो चीजें काम करती हैं - विकास और गारंटी। यह लोगों का संदेश है कि आरोप लगाना बंद होना चाहिए और काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह शुरुआत है और हम 2028 में सत्ता में फिर वापस आएंगे।" संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना विधानसभा सीट पर उपचुनाव इस लिए जरूरी हो गया था कि इन सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले क्रमश: कांग्रेस के ई तुकाराम, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
हालांकि अब कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार दोनों के लिए समर्थन के रूप में देखा जाएगा। उपचुनाव में कांग्रेस की जीत खासतौर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए भी संजीवनी साबित हो सकती है क्योंकि एमयूडीए भूमि आवंटन मामले में उनके खिलाफ आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। वहीं इस उपचुनाव में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विजयेंद्र का भी बहुत कुछ दांव पर लगा था क्योंकि उपचुनाव जीतना उनके लिए पार्टी के भीतर अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए जरूरी था। इसके अलावा, जद (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी के लिए भी यह उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई थी, क्योंकि उनके बेटे निखिल पिछले चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक बार फिर से चन्नपटना सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे थे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। कुमारस्वामी ने इस वर्ष लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यह सीट खाली कर दी थी।