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CM चंद्रबाबू नायडू ने कहा- ज्यादा बच्चे पैदा करें, दो से अधिक बच्चे वाले ही लड़ पाएंगे चुनाव

  • आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि राज्य में हम नया कानून लेकर आ रहे हैं, जिसमें दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले ही स्थानीय चुनाव लड़ पाएंगे। उन्होंने लोगों से अधिक बच्चे पैदा करने को कहा।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानMon, 21 Oct 2024 04:32 PM
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लोगों से 'भविष्य के लिए जन्म दर' बढ़ाने के लिए कम से कम दो या उससे अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया। एएनआई ने उनके हवाले से यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रही है जिसमें केवल दो या उससे अधिक बच्चे वाले लोगों को ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति होगी। नायडू के इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की भी प्रतिक्रिया आई है।

भाजपा सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बयान दिया कि राज्य की विकास दर बढ़नी चाहिए और परिवारों को कम से कम दो या अधिक बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। 19 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा, "राज्य में विकास दर बढ़नी चाहिए। सभी को इस बारे में सोचना चाहिए और परिवारों को कम से कम दो या उससे अधिक बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। पहले कभी मैंने जनसंख्या नियंत्रण की वकालत की थी, लेकिन अब हमें भविष्य के लिए जन्म दर बढ़ाने की जरूरत है। राज्य सरकार ऐसा कानून लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत केवल दो या उससे अधिक बच्चों वाले लोग ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे।"

कैलाश विजयवर्गीय क्या बोले

नायडू के दो से अधिक बच्चों वाले बयान का स्वागत करते हुए भाजपा नेता और मध्यप्रदेश मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश को बहुत बदलाव की जरूरत है और अगर चंद्रबाबू नायडू ऐसा कुछ करते हैं तो मेरा मानना ​​है कि यह सुधार की दिशा में एक अच्छा कदम है।

यह पहली दफा नहीं है जब चंद्रबाबू नायडू ने परिवार नियोजन नीतियों में इसी तरह के बदलावों की बात की है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने अधिक बच्चे पैदा करने की इच्छा रखने वाले दंपतियों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की थी।

नायडू ने दक्षिण भारतीय राज्यों विशेषकर आंध्र प्रदेश में वृद्धावस्था संकट के बढ़ते संकेतों के प्रति आगाह किया। कहा कि हालांकि भारत 2047 तक जनसांख्यिकीय बढ़त बनाए रखेगा, लेकिन देश के दक्षिणी भागों में युवाओं के बजाय वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। नायडू ने आगे कहा, "जापान, चीन और कई यूरोपीय राष्ट्रों को बढ़ती उम्र की आबादी के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ रहा है, वहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा बुजुर्गों का है।"

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