हाथ खड़े करके नहीं, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होगा चंडीगढ़ निगम चुनाव
- मेयर पद के लिए बीजेपी ने हरप्रीत कौर बबला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर बिमला दुबे और डिप्टी मेयर पर लखबीर सिंह बिल्लू के नाम तय किए गए हैं।
30 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ निगम चुनाव में बैलट पेपर की बजाए हाथ खड़े करके चुनाव कराने की आम आदमी पार्टी की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। आम आदमी पार्टी के मेयर कुलदीप कुमार ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कुलदीप कुमार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया था, जिस पर आज अर्जेंट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कुलदीप कुमार की याचिका पर प्रशासन को नोटिस जारी किया है। 27 जनवरी को मामले पर आगे सुनवाई होगी।
आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने याचिका दायर कर चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की थी। उन्होंने हाथ उठाकर मतदान कराने की मांग करते हुए कहा कि पिछली बार हुए मेयर चुनाव में चुनाव अधिकारी ने हेराफेरी कर बीजेपी को जिताया था।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है और अदालत यह सुनिश्चित करेगी।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही
मेयर पद के लिए बीजेपी ने हरप्रीत कौर बबला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर बिमला दुबे और डिप्टी मेयर पर लखबीर सिंह बिल्लू के नाम तय किए गए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। मेयर का पद आप और सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस को मिलेगा। मेयर पद के लिए आप की 6 महिला पार्षदों ने अपनी दावेदारी पेश की है। कांग्रेस से सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए जसबीर सिंह बंटी और डिप्टी मेयर के लिए तरुणा मेहता का नाम घोषित हुआ है।
पिछले मेयर चुनाव में हुआ था खेला, गड़बड़ी कर बीजेपी जीती थी
साल 2023 में मेयर का चुनाव हुआ था, तब आम आदमी पार्टी–कांग्रेस को बहुमत था। तब चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गड़बड़ी करते हुए आप–कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड करार दे दिया था और आप के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार चुनाव हार गए। भाजपा के 13 पार्षद, सांसद और अकाली दल के वोट को मिलाकर 16 वोट पाने वाले भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता करार दे दिया। इस धांधली के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने चुनाव के वक्त की सीसीटीवी फुटेज देखी तो चुनाव अधिकारी अनिल मसीह आप–कांग्रेस के पार्षदों के वोट पर निशान लगाते साफ दिखे थे। कोर्ट ने माना कि मसीह ने जानबूझकर वोट खराब किए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा मतगणना के लिए कहा, जिसमें इनवैलिड करार वोटों की गिनती के भी आदेश दिए। इसके बाद आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार मेयर बने थे। यह मामला देश भर में चर्चा का विषय बना था।