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IRS अधिकारी के घर मिली BMW और मर्सिडीज कारें, रोलेक्स घड़ियां; CBI ने किया रिश्वत रैकेट का भंडाफोड़

  • सीबीआई ने पैसों के बदले कुछ बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के आरोप में दो आईआरएस अधिकारी- संयुक्त विकास आयुक्त सीपीएस चौहान और उप विकास आयुक्त प्रसाद वरवंतकर के अलावा दो सहायक विकास आयुक्तों के साथ पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 08:48 AM
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CBI ने घूसखोरी से जुड़े एक मामले में 2 IRS यानी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों समेत 7 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस दौरान एक अधिकारी के घर पर जांच भी की गई। खबर है कि जांच में CBI अधिकारियों को महंगी लग्जरी गाड़ियां, घड़ियां समेत कई कीमती चीजें मिली हैं। ये अधिकारी मुंबई के सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (SEEPZ) में तैनात थे।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सीबीआई ने पैसों के बदले कुछ बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के आरोप में दो आईआरएस अधिकारी- संयुक्त विकास आयुक्त सीपीएस चौहान और उप विकास आयुक्त प्रसाद वरवंतकर के अलावा दो सहायक विकास आयुक्तों के साथ पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के परिसरों की तलाशी और संयुक्त औचक निरीक्षण के दौरान सीबीआई ने करीब 1.20 करोड़ रुपये नकद के अलावा करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर IRS ऑफिसर चौहान के घर से BMW और मर्सिडीज कारें, रोलेक्स और राडो जैसे बड़े ब्रांड की घड़ियां मिली हैं। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि चौहान और अन्य अधिकारी कथित तौर पर रिश्वतखोरी में शामिल थे। ये अधिकारी जगह आवंटित करने, आयातित सामान के निपटान और ठेकेदार से मंजूरी से जुड़े कामों के बदले रिश्वत वसूलते थे।

17 दिसंबर को SEEPZ के दफ्तर पर औचक निरीक्षण हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान अधिकारियों को मनोज जोगलेकर नाम का शख्स मिला, जिसने स्वीकार किया है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के लिए रिश्वत जुटाता था और घूस की रकम उसके दफ्तर में रखी हुई है।

लिफाफे में लाखों रुपये

रिपोर्ट के अनुसार, जोगलेकर ने अधिकारियों को कई बैग दिखाए, जिनपर नाम या कोड लिखे हुए थे। बताया जा रहा है कि इनमें अनुमानित 60 लाख रुपये की नकदी थी। उसने खुलासा किया है वह सीपीएस चौहान, डीडीसी डॉक्टर प्रसाद वरवंतकर और SEEPZ के अन्य अधिकारियों के लिए रिश्वत इकट्ठी करता था।

रिपोर्ट के अनुसार, जांच में कई लिफाफे मिले हैं, जिनमें 'एसएम, आरआर, एसी, डीडीसी' जैसे कोड लिखे हुए थे। आरआर नाम के एक लिफाफे में 63 हजार 500 रुपये थे।

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