वक्फ मामले में फर्जी खबर फैलाने को लेकर ऐक्शन, तेजस्वी सूर्या के खिलाफ केस दर्ज
- एसपी ने कहा, 'साझा की गई खबर फर्जी है। ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। यहां उल्लिखित किसान रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिकाई की 6 जनवरी 2022 को आत्महत्या की सूचना मिली थी।'
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और कुछ कन्नड़ समाचार पोर्टल के संपादकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सोशल मीडिया मंच एक्स पर इन समाचार पोर्टल की खबर को साझा करते हुए बेंगलुरु दक्षिण के सांसद ने 7 नवंबर को आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि हावेरी जिले में किसान ने वक्फ बोर्ड की ओर से उसकी जमीन अधिगृहित किए जाने के बारे में पता चलने पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।
सूर्या ने आरोप लगाया, ‘अल्पसंख्यकों को खुश करने की जल्दबाजी में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कर्नाटक सरकार में आवास, वक्फ एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने राज्य में विनाशकारी हालात पैदा कर दिए हैं, जिसे हर गुजरते दिन के साथ रोकना असंभव होता जा रहा है।’ बाद में हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) की ओर से समाचार लेख को फर्जी बताए जाने के बाद सांसद ने पोस्ट को हटा दिया था। एसपी ने कहा, ‘साझा की गई खबर फर्जी है। ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। यहां उल्लिखित किसान रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिकाई की 6 जनवरी 2022 को आत्महत्या की सूचना मिली थी। बताया जाता है कि उसने कर्ज एवं फसल नुकसान के कारण आत्महत्या की थी।’
एसपी ने बताया कि आदर थाने में दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया गया था और अंतिम रिपोर्ट पहले ही पेश की जा चुकी है। सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हावेरी जिला पुलिस के सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ में तैनात पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353 (2) (विभिन्न समूहों के बीच घृणा, दुर्भावना या दुश्मनी की भावना पैदा करने या बढ़ावा देने के इरादे से बयान देना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना) के तहत कन्नड़ दुनिया ई-पेपर और कन्नड़ न्यूज ई-पेपर के संपादकों तथा तेजस्वी सूर्या के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।’ उन्होंने बताया कि हावेरी जिले के सीईएन (साइबर अपराध, आर्थिक अपराध, स्वापक नियंत्रण) थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सूर्या ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से 7 नवंबर को कर्नाटक की उनकी यात्रा के दौरान मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रस्तुतीकरण के दौरान कुछ किसानों ने उनके ध्यान में यह भी लाया कि हावेरी जिले में सन्नप्पा नामक किसान ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके 4 एकड़ भूखंड का आरटीसी (अधिकार, किराएदारी और फसल का रिकॉर्ड) वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया गया था और वह ऋण नहीं ले पा रहा था। सूर्या ने कहा कि कई प्रतिष्ठित और विश्वसनीय कन्नड़ मीडिया संगठनों ने भी इसकी रिपोर्ट की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने इनमें से एक मीडिया रिपोर्ट को रीट्वीट किया और कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है। कर्नाटक में आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि राज्य प्रायोजित वक्फ अतिक्रमण कर रहा है। राज्य सरकार को कम से कम अब तो जाग जाना चाहिए।’
सूर्या ने कहा कि एसपी के स्पष्टीकरण के बाद उन्होंने अपना ट्वीट हटा दिया। उन्होंने कहा कि संभवत: जिन समाचार संगठनों की रिपोर्ट पर मैंने भरोसा किया था, उन्हें समाचार पोस्ट करने में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मैंने ट्वीट हटा दिया, तो कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे जो कि पूर्णकालिक ट्रोल मंत्री और अंशकालिक संवैधानिक पदाधिकारी हैं, ने कहा कि वह प्राथमिकी दर्ज कराने जा रहे हैं और कुछ ही मिनटों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। उन्होंने वरिष्ठ मंत्रियों पर आरोप लगाया कि वे पुलिस विभाग पर दबाव डालकर रिकॉर्ड में हेराफेरी करने की कोशिश कर रहे हैं। किसान की आत्महत्या के संबंध में गलत निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। सूर्या ने कहा, ‘प्राथमीकियां दर्ज की जा रही हैं। मुझे भूल जाइए... यहां तक कि वक्फ मामले पर निष्पक्ष और स्वतंत्र रिपोर्टिंग के लिए मीडिया संगठनों पर भी प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।’