बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खुशखबरी, 2 लाख से ज्यादा नॉइज बैरियर्स इंस्टॉल; जानें कितना काम हुआ पूरा
- गुजरात में ट्रैक निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। आणंद, वडोदरा, सूरत और नवसारी जिलों में आरसी ट्रैक बेड का निर्माण कार्य चल रहा है। 71 किलोमीटर आरसी ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है और वायडक्ट पर रेल की वेल्डिंग शुरू हो गई है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसे लेकर 103 किलोमीटर लंबे वायडक्ट के दोनों ओर 206,000 नॉइज बैरियर्स इंस्टॉल कर लिए गए हैं। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रबंध निदेशक विवेक कुमार गुप्ता की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई। बताया गया कि प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर वायडक्ट के दोनों तरफ 2,000 नॉइज बैरियर्स लगाए गए हैं। परिचालन के दौरान ट्रेन और सिविल संरचनाओं की ओर से उत्पन्न ध्वनि को कम करने के लिए नॉइज बैरियर्स को डिजाइन किया गया है।
ये नॉइज बैरियर्स ट्रेन की ओर से उत्पन्न शोर के साथ-साथ पटरियों पर चलने वाले पहियों से उत्पन्न ध्वनि को बदल देते हैं। प्रत्येक नॉइज बैरियर की ऊंचाई 2 मीटर और चौड़ाई एक मीटर है। इसका वजन लगभग 830-840 किलोग्राम है। आवासीय और शहरी क्षेत्रों में 3 मीटर ऊंचे नॉइज बैरियर्स लगाए गए हैं। इनमें 2 मीटर कंक्रीट बैरियर के ऊपर एक अतिरिक्त एक मीटर पारदर्शी पॉली कार्बोनेट पैनल शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रियों को अबाधित दृश्यों का आनंद मिल सके।
243 किमी से अधिक वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा
रिपोर्ट के मुताबिक, इन बैरियरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए 6 विशेष कारखाने स्थापित किए गए हैं। इनमें से 3 कारखाने अहमदाबाद में स्थित हैं, जबकि एक-एक सूरत, वडोदरा और आणंद में स्थित हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना ने भी प्रमुख निर्माण कार्यों में काफी प्रगति की है। 243 किमी से अधिक वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही 352 किमी का पीयर कार्य और 362 किमी का पीयर नींव का कार्य भी पूरा हो चुका है। 13 नदियों पर पुल बनाए गए हैं, जिनमें 5 स्टील ब्रिज और दो प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज हैं, जो विभिन्न रेलवे लाइनों और राजमार्गों के आवागमन को सुविधाजनक बनाते हैं।
तेजी से चल रहा ट्रैक निर्माण का काम
गुजरात में ट्रैक निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। आणंद, वडोदरा, सूरत और नवसारी जिलों में आरसी ट्रैक बेड का निर्माण कार्य चल रहा है। 71 किलोमीटर आरसी ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है और वायडक्ट पर रेल की वेल्डिंग शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए पहला कंक्रीट बेस-स्लैब 32 मीटर की गहराई पर सफलतापूर्वक ढाला गया है, जो 10 मंजिला इमारत के बराबर है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग पर काम चल रहा है। मुख्य सुरंग निर्माण की सुविधा के लिए 394 मीटर लंबी इंटरमीडिएट सुरंग का काम पूरा हो चुका है। पालघर जिले में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके 7 पर्वतीय सुरंगों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गुजरात में एकमात्र पर्वतीय सुरंग पहले ही सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। इस कॉरिडोर पर 12 स्टेशन हैं, जिन्हें थीम आधारित तत्वों और ऊर्जा-कुशल सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है।