Hindi Newsदेश न्यूज़Pakistani air defense system is useless in front of India, S 400 is a nightmare for enemies

भारत के आगे नकारा है पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम, दुश्मनों के लिए काल है S-400

पाकिस्तान की वायु रक्षा का मुख्य आधार चीनी मूल की HQ-9 मिसाइल प्रणाली है, जिसकी मूल रेंज 120 किलोमीटर है। इसके अपडेटेड संस्करण की रेंज 300 किमी तक जाती है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 May 2025 05:56 AM
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भारत के आगे नकारा है पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम, दुश्मनों के लिए काल है S-400

भारत के पास आधुनिक रेंज के वायु रक्षा प्रणाली है। इसमें रूसी, इजरायली और स्वदेशी मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। यह पाकिस्तान की तुलना में कहीं अधिक उन्नत मानी जाती है। पाकिस्तान मुख्य रूप से चीनी आपूर्ति वाले सिस्टम पर निर्भर करता है। भारत के पास रूसी मूल की शक्तिशाली S-400 है जो सतह से हवा में मार कर सकती है। इसके अलावा कंधे पर दागे जाने वाले Igla-S मिसाइलों तक का पूरा सेटअप है। S-400 की मदद से 380 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के रणनीतिक बमवर्षकों, जेट्स, जासूसी विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को ट्रैक कर नष्ट किया जा सकता है। वहीं, Igla-S की रेंज 6 किलोमीटर है।

पाकिस्तान की वायु रक्षा का मुख्य आधार चीनी मूल की HQ-9 मिसाइल प्रणाली है, जिसकी मूल रेंज 120 किलोमीटर है। इसके अपडेटेड संस्करण की रेंज 300 किमी तक जाती है। इसके अलावा फ्रांसीसी मूल की Spada एंटी-एयरक्राफ्ट प्रणाली भी है, जिसकी रेंज 20-25 किलोमीटर है, जो वायुसेनाओं और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा में उपयोग की जाती है।

गेम चेंजर है S-400

एक अधिकारी ने बताया, "S-400 प्रणाली जिसमें 120, 200, 250 और 380 किलोमीटर रेंज की चार प्रकार की मिसाइलें हैं, HQ-9 से कहीं बेहतर है। यह हमारी वायु रक्षा कवरेज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे पूरी तरह से भारतीय वायुसेना के एकीकृत वायु कमांड और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) में जोड़ा गया है।"

2018 में रूस के साथ 5.4 अरब डॉलर (लगभग 40,000 करोड़) के अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना ने तीन S-400 स्क्वाड्रन को उत्तर-पश्चिम और पूर्व भारत में तैनात किया है, जिससे चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, बाकी दो S-400 स्क्वाड्रनों की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण 2026-27 तक टल गई है।

पूरी तरह स्वचालित IACCS नेटवर्क, जो विभिन्न रडार और हथियार प्रणालियों को जोड़ता है, अब धीरे-धीरे सैन्य और नागरिक रडार को भी एकीकृत कर रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया, "नई प्रणाली के साथ वायुसेना और सेना के रडार डेटा को जोड़कर एकीकृत और रियल टाइम वायु चित्र सभी वायु रक्षा केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।"

भारत अपनी लंबी दूरी की स्वदेशी LR-SAM प्रणाली पर भी काम कर रहा है, जिसे Project Kusha के तहत विकसित किया जा रहा है। इसकी रेंज करीब 350 किलोमीटर होगी और यह 2028-29 तक तैयार हो जाएगी।

पहले से मौजूद मिसाइलें

बराक-8 (Barak-8): 70+ किलोमीटर रेंज वाली MR-SAM प्रणाली, जिसे भारत और इज़रयल ने मिलकर विकसित किया है। यह सेना, नौसेना व वायुसेना में शामिल की जा चुकी है।

आकाश मिसाइल प्रणाली: स्वदेशी रूप से विकसित, जिसकी रेंज 25 किलोमीटर है। इसे कई देशों को निर्यात भी किया जा रहा है।

Spyder (इजरायली सिस्टम): 15 किमी रेंज वाली त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली।

Pechora, OSA-AK-M, L-70 जैसे पुराने रूसी सिस्टम और DRDO की VSHORADS प्रणाली (6 किमी तक) का परीक्षण भी जारी है।

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