राज्यसभा में और मजबूत हो सकती है BJP, इस पार्टी के 2 सांसद टूटे; 5 और छोड़ सकते हैं साथ
YSRCP के 5 और सांसद इस्तीफा दे सकते हैं। इनमें गोला बाबूराव, आर कृष्णैया, परिमल नटवानी, एल्ला अयोध्यारामी रेड्डी और मेडा रघुनाथ रेड्डी का नाम शामिल है। रमणा का कहना है कि वह TDP में शामिल हो जाएंगे और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में काम करने की अपनी इच्छा को पूरा करेंगे।
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही YSRCP को झटके लगना जारी है। अब पार्टी राज्यसभा में टूटती जा रही है। खबर है कि गुरुवार को ही दक्षिण भारतीय राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, संभावनाएं जताई जा रही हैं कि 5 और राज्यसभा सांसद इस्तीफा दे सकते हैं। फिलहाल, इसे लेकर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, YSRCP के मोपिदेवी वेंकट रमण और बीदा मस्तान राव ने गुरुवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद और सांसदों के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं हैं। हालांकि, इससे भारतीय जनता पार्टी और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) को बड़ा फायदा होने के आसार हैं। कहा जा रहा है कि दोनों दल YSRCP सांसदों के संपर्क में हैं औक उप चुनाव में उनका समर्थन करने की पेशकश कर रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि 5 और सांसद इस्तीफा दे सकते हैं। इनमें गोला बाबूराव, आर कृष्णैया, परिमल नटवानी, एल्ला अयोध्यारामी रेड्डी और मेडा रघुनाथ रेड्डी का नाम शामिल है। रमणा का कहना है कि वह TDP में शामिल हो जाएंगे और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में काम करने की अपनी इच्छा को पूरा करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि YSRCP नेतृत्व की तरफ से उनके विधानसभा में बनाए रखने के अनुरोध को कई बार नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके कारण उन्हें राज्यसभा जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पार्टी बदलने से पहले राव भी टीडीपी के सदस्य थे। खास बात है कि वह टीडीपी से विधानसभा सदस्य भी रह चुके थे। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देकर राज्यसभा से इस्तीफा दिया है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पूर्व सीएम जगन रेड्डी से उनके सांसद असंतुष्ट हैं, जिसके चलते टीडीपी के लिए राज्यसभा के रास्ते खुल गए हैं। अब तक पार्टी के पास 11 सांसद थे, जिसके चलते YSRCP राज्यसभा में भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बाद चौथे स्थान पर थी, लेकिन 9 सांसदों के जाने के बाद डीएमके और आप के भी नीचे आ गई है। दोनों दलों के राज्यसभा में 10-10 सांसद हैं।