MP हों या MLA, आमजन बन मॉक ड्रिल में हों शामिल; भाजपा संसदीय दल का पार्टी नेताओं को निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे ‘नये और जटिल खतरों’ के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव और जंग के हालात के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर के 244 जिलों में 7 मई को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल करने के निर्देश राज्यों को दिए हैं। इसके तहत सिविल डिफेंस के लोग आमजन को यह जानकारी और ट्रेनिंग देंगे कि युद्ध की स्थिति में किस तरह से बचाव करना है और क्या-क्या तैयारी करनी है। 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार इस तरह की मॉक ड्रिल होने जा रही है।
इस बीच, सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संसदीय दल कार्यालय ने सभी भाजपा सांसदों से इस ड्रिल में आम नागरिकों की तरह भाग लेने और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करने को कहा है। प्रदेश अध्यक्षों से भी अनुरोध किया गया है कि वे वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ मिलकर इस ड्रिल को सुचारू रूप से क्रियान्वित करें।
केंद्रीय गृह सचिव आज करेंगे समीक्षा
दूसरी तरफ, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन आज (मंगलवार को) नागरिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की तैयारियों की समीक्षा करेंगे जिसमें हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाने संबंधित ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करना, लोगों को ‘शत्रु के हमले’ की स्थिति में खुद को बचाने के लिए प्रशिक्षित करना और बंकरों की सफाई करना शामिल है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभरे ‘नए और जटिल खतरों’ को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से बुधवार को मॉक ड्रिल करने को कहा है।
244 जिलों में मॉक ड्रिल की तैयारी
एक सूत्र ने कहा, ‘‘गृह सचिव 244 जिलों में की जा रही नागरिक सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सभी राज्यों के मुख्य सचिव और नागरिक सुरक्षा प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लेंगे।’’ गृह मंत्रालय के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, लोगों को ‘‘शत्रु के हमले’’ की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों की सफाई करना शामिल है।
दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय
अन्य कदमों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करना एवं उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। ‘मॉक ड्रिल’ में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में नये और जटिल खतरे/चुनौतियां उभरी हैं, इसलिए यह समझदारी होगी कि राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में हर समय इष्टतम नागरिक सुरक्षा तैयारियां रखी जाएं।’’
इसमें कहा गया है कि सरकार ने सात मई को देश के 244 वर्गीकृत नागरिक सुरक्षा जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल आयोजित करने का निर्णय लिया है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई उच्चस्तरीय बैठकें कर रहे हैं। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। मोदी ने हमले को अंजाम देने वालों और इसकी साजिश रचने वालों का ‘‘पृथ्वी के आखिरी छोर तक पीछा करने’’ और उन्हें ‘‘उनकी कल्पना से भी बड़ी’’ सजा देने का संकल्प जताया है।