10 मिनट बिजली बंद, सायरन बजेंगे, गाड़ियों के पहिए थमेंगे; बिहार के इन शहरों में मॉक ड्रिल कल
केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बिहार के पटना, पूर्णिया, बेगूसराय समेत चुनिंदा शहरों में बुधवार को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसके तहत पटना में 10 मिनट बिजली बंद की जाएगी। इस दौरान पूरे शहर में सायरन भी बजाए जाएंगे। सड़कों पर वाहन बैन कर दिए जाएंगे।
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में उपजे तनाव के बीच केंद्र सरकार के निर्देशानुसार देश भर में बुधवार को मॉक ड्रिल होगी। इसके तहत बिहार के चुनिंदा शहरों में मॉक ड्रिल की जाएगी। इनमें राजधानी पटना के अलावा, पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय और बरौनी शामिल है। पटना में प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। इसके तहत बुधवार को पूरे शहर की बिजली 10 मिनट के लिए बंद कर दी जाएगी। सभी चौक-चौराहों एवं अन्य प्रमुख स्थानों को मिलाकर कुल 80 जगहों पर सायरन बजाए जाएंगे। सड़कों पर वाहनों के पहिए भी थम जाएंगे।
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार को कहा कि बुधवार शाम 6 बजकर 58 मिनट पर एक साथ सायरन बजाए जाएंगे। सायरन 2 मिनट तक बजते रहेंगे। इसके बाद शाम 7 बजे पूरे शहर की बिजली काट दी जाएगी। इस दौरान सड़कों पर गाड़ियों के पहिए भी थम जाएंगे। वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन के वाहनों में लगे सायरन भी बजाए जाएंगे।
डीएम ने कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान लोगों से अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने का भी निर्देश दिया गया है। घरों और दुकानों पर इन्वर्टर भी चालू नहीं करने की अपील की गई है। यह मॉक ड्रिल लगभग 10 मिनट तक चलेगी। 7 बजकर 10 मिनट पर बिजली व्यवस्था फिर से बहाल कर दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान पटना में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गांधी मैदान स्थित कार्यालय, पटना यूनिवर्सिटी, पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पीएमसीएच) समेत अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर एक साथ सायरन बजाया जाएगा। इसके बाद फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की गाड़ियां सड़क पर दौड़ेंगी। लोगों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबंध में सर्कुलर भेजा है। इसके आधार पर बिहार सरकार मॉक ड्रिल की तैयारी कर रही है। सिविल डिफेंस के साथ ही होमगार्ड, एनसीसी और स्कूलों-कॉलेजों के बच्चों को भी मॉक ड्रिल में शामिल किया जा सकता है। इसमें हवाई हमले स्थिति में बचाव की तैयारियों पर जोर दिया जाएगा।
दरअसल, मॉक ड्रिल के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि युद्ध या किसी बड़े हमले की स्थिति में आम लोगों को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है। मॉक ड्रिल एक तरह की रिहर्सल होती है, प्राकृतिक आपदा (आग-भूकंप), युद्ध, हमले या अन्य आपातकालीन स्थिति की तैयारी के लिए इसे कराया जाता है।