वैश्विक पहचान के लिए तैयार भारत की वंदे भारत, रेल मंत्री बोले- कई देश दिखा रहे रुचि
- मंत्री ने कहा कि कंपनियां अपने कारखाने और मूल्य शृंखलाएं भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। सत्र में उद्योगपति संजीव बजाज ने कहा कि भारत में ऐसी सरकार है जो उद्योग से किए गए वादों को पूरा करती है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस में वंदे भारत ट्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि "कई देशों ने वंदे भारत ट्रेन में रुचि दिखाई है। यह ट्रेनें हाई क्वालिटी वाली सेवाएं प्रदान कर रही हैं।" स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक से इतर रेल मंत्री ने कहा, "चार नए प्रकार की ट्रेनों - वंदे भारत चेयर कार, वंदे भारत स्लीपर, नमो भारत ट्रेन और अमृत भारत ट्रेन - के माध्यम से यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। सीआरएस प्रमाणपत्र मिलने के बाद आईसीएफ में अंतिम संशोधन किए जाएंगे और फिर इन ट्रेनों को तैनात किया जाएगा।"
भारत में निवेश और विनिर्माण पर जोर
मंत्री वैष्णव ने कहा, "भारत में विनिर्माण और सेवाओं को लेकर वैश्विक स्तर पर बड़ी रुचि है। मोबाइल फोन अब भारत के शीर्ष-3 निर्यात वस्तुओं में शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और फूड प्रोसेसिंग विनिर्माण में भी निवेश बढ़ रहा है। भारत ने अब वैश्विक बाजार में अपनी अलग पहचान बनाई है और लागत के बजाय डिजाइन और प्रतिभा के आधार पर नेतृत्व कर रहा है।"
निवेश के प्रति बढ़ती रुचि
उन्होंने बताया, "दावोस में भारत में निवेश के लिए बड़ी रुचि दिखाई गई है। सेमीकंडक्टर, फूड प्रोसेसिंग, क्लीन एनर्जी और कैपिटल गुड्स जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षण बढ़ा है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के तहत कुल 20 लाख करोड़ रुपये तक के निवेश का अनुमान है।"
एआई और 5जी तकनीक में भारत की प्रगति
केंद्रीय मंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर तेजी से हो रहे बदलावों को लेकर कहा, "एआई के उपयोग के मामलों में भारत को नेतृत्व करना होगा। जिस तरह भारत ने आईटी क्षेत्र में नेतृत्व किया, उसी तरह एआई में भी करना होगा। 200 विश्वविद्यालयों में एआई के कोर्स शुरू किए जाएंगे, और 10 लाख लोगों को एआई में प्रशिक्षित करने की योजना है। साथ ही, 10,000 जीपीयू क्षमता वाली एआई की एक सामान्य सुविधा भी स्थापित की गई है।"
भारत पवेलियन को मिली वैश्विक सराहना
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इस बार भारत पवेलियन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच झलक रही है। पीएम ने सभी राज्यों के पवेलियन को भारत पवेलियन के भीतर समाहित करने का सुझाव दिया था, जिसे प्रभावी रूप से लागू किया गया। यह पवेलियन भारत की तकनीकी क्षमताओं, आर्थिक प्रगति और वैश्विक संपर्क को उजागर करता है, जिसे दावोस में व्यापक सराहना मिल रही है।"
रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में वापस आने का मुख्य कारण समावेशी वृद्धि रही है, क्योंकि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि आर्थिक वृद्धि का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध प्रतिभा सभी क्षेत्रों में बेजोड़ है और आज दुनिया भारत की नीतियों के कारण उस पर भरोसा करती है।
मंत्री ने कहा कि कंपनियां अपने कारखाने और मूल्य शृंखलाएं भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। सत्र में उद्योगपति संजीव बजाज ने कहा कि भारत में ऐसी सरकार है जो उद्योग से किए गए वादों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि भारत ड्रोन जैसे नए युग के क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी बन गया है। लेकिन, उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश के लिए छह से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर पर्याप्त नहीं है और इसे कम से कम सात-7.5 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता है। वैष्णव ने कहा कि साथ ही, भूमि खरीद जैसे कुछ क्षेत्र और विभाग हैं जहां और अधिक काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन हमें तेजी से वृद्धि करने और निजी पूंजी आने को सुनिश्चित करने की जरूरत है। वैष्णव ने कहा कि शुल्क और सीमा शुल्क कानूनों का सरलीकरण सरकार के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, और निर्यात-आधारित वृद्धि प्रमुख अंतर पैदा कर सकता है।