बेंगलुरु के 3 कॉलेजों को बम से उड़ाने की मिली धमकी, बीजेपी नेता के अकाउंट से आया ईमेल; जांच जारी
- रिपोर्ट के मुताबिक, धमकी भरे ईमेल तमिलनाडु यूनिट के बीजेपी नेता एस शेखर के अकाउंट से भेजे गए थे। शेखर लोकप्रिय अभिनेता और पूर्व विधायक भी हैं। ईमेल में दावा किया गया कि साजिश के हिस्से के रूप में चुनिंदा कॉलेजों में बम रखे गए हैं।
बेंगलुरु के 3 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बम होने की धमकी मिलने से सनसनी फैल गई। बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (BMSCE), एमएस रामैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MSRIT) और बैंगलोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) को शुक्रवार को धमकी भरा ईमेल आया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, धमकी भरा ईमेल संदेश मिलने के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने तत्काल कार्रवाई की। धमकी की पुष्टि के लिए बम निरोधक दस्ते और विशेष टीमों को तैनात किया गया। इसके स्रोत का पता लगाने के लिए हनुमंत नगर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है। कॉलेज प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए एहतियाती कदम उठाए हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और परिसर की गहन तलाशी ली गई।
संबंधित कॉलेजों के प्रिंसिपल्स ने कहा कि वे अपने छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं और अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया गया। स्थिति नियंत्रण में है और वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियां बरती गईं और बम निरोधक दस्ता मौके तुरंत पहुंच गया। हालांकि, घंटों की तलाशी के बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्हें कोई विस्फोटक नहीं मिला। ऑफिसर ने कहा, 'यह फर्जी मेल था, लेकिन हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हनुमंत नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। हम ईमेल के स्रोत की जांच कर रहे हैं।'
भाजपा नेता के अकाउंट से भेजे गए ईमेल
रिपोर्ट के मुताबिक, धमकी भरे ईमेल तमिलनाडु यूनिट के बीजेपी नेता एस शेखर के अकाउंट से भेजे गए थे। शेखर लोकप्रिय अभिनेता और पूर्व विधायक भी हैं। ईमेल में दावा किया गया कि साजिश के हिस्से के रूप में चुनिंदा कॉलेजों में बम रखे गए हैं। इसमें आरोप लगाया गया कि ये धमकियां डीएमके से जुड़े जाफर सादिक के मामले से मीडिया का ध्यान हटाने के लिए हैं। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) शंकर जिवाल पर इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कोयंबटूर में पाकिस्तानी ISI सेल का सहयोग करने का भी आरोप लगाया। ईमेल में कॉलेजों को निर्देश दिया गया कि वे इस खतरे को लेकर शेखर या तमिलनाडु के आईपीएस अधिकारी वी बालाकृष्णन की भागीदारी का जिक्र न करें।