Hindi Newsदेश न्यूज़Bangladesh wrong step to grudge against India eliminated mandatory physical inspection of goods imported from Pakistan

भारत से खुन्नस निभाने के चक्कर में यूनुस ने उठा लिए दो गलत कदम, दुश्मन की जाल में जा फंसा बांग्लादेश

मोहम्मद यूनुस सरकार के इस कदम से यह चिंता बढ़ गई है कि बिना जांच और छानबीन के पाकिस्तानी माल पहुंचने से हथियारों के अवैध हस्तांतरण और तस्करी को बढ़ावा मिल सकता है। पाकिस्तान में आतंक की जड़ें बहुत गहरी हैं और वहां भारत विरोधी अभियान लंबे समय से चलता रहा है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 4 Oct 2024 04:49 PM
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प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक दिन पहले ही भारत समेत पांच देशों से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। बांग्लादेश सरकार का यह कदम भारत से बिगड़ते रिश्तों की कड़ी में एकदम नया है। अपने कूटनीतिक बदलावों के तहत यूनुस सरकार ने बांग्लादेश में घरेलू प्रशासन के साथ-साथ राजनयिक सेवा में भी दूसरे चरण का फेरबदल किया है। इसके तहत नई दिल्ली, ब्रुसेल्स, कैनबरा, लिस्बन और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन में तैनात बांग्लादेश के दूतों को तत्काल वापस बुला लिया है।

मोहम्मद यूनुस का यह कदम पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की बैठक से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के बाद आया है। एक और चौंकाने वाला कदम उठाते हुए बांग्लादेश नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) ने पाकिस्तान से व्यापार को सरल और सहज बनाने के लिए पाकिस्तान से आयात होने वाले वस्तुओं के अनिवार्य भौतिक निरीक्षण (mandatory physical inspection of goods) को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बांग्लादेश में ऐसी सुविधा पाने वाला पाकिस्तान एकमात्र देश बन गया है। इससे पहले तक पाकिस्तान से आने वाले हर शिपमेंट की सघन निगरानी और कड़ी जांच होती थी।

पाकिस्तान से क्या आयात करता है बांग्लादेश

बांग्लादेश पाकिस्तान से कपास, धागा, रसायन, गेहूं, प्लास्टिक सामग्री, चमड़ा और पेट्रोलियम उत्पादों सहित कई तरह के उत्पादों का आयात करता है। अन्य प्रमुख आयातों में शिशु आहार, चावल और फल जैसे खाद्य पदार्थ, साथ ही सर्जिकल उपकरण और बिजली के पंखे भी उसमें शामिल हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अनिवार्य निरीक्षणों को हटाने से देरी कम होगी और संभावित रूप से लागत में कमी भी आएगी। लेकिन भारतीय विशेषज्ञों को डर है कि इससे हथियार और गोला-बारूद जैसे प्रतिबंधित सामानों की आवाजाही आसान हो जाएगी।

बांग्लादेश के इस कदम से बढ़ी चिंता

मोहम्मद यूनुस सरकार के इस कदम से यह चिंता बढ़ गई है कि बिना जांच और छानबीन के पाकिस्तानी माल पहुंचने से हथियारों के अवैध हस्तांतरण और तस्करी को बढ़ावा मिल सकता है। पाकिस्तान में आतंक की जड़ें बहुत गहरी हैं और वहां भारत विरोधी अभियान लंबे समय से चलता रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश के खिलाफ भी पाकिस्तान का काला इतिहास रहा है। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा बन गया और इसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था, जहां पाकिस्तानी हुक्मरानों ने बहुत जुल्म ढाए थे। हालांकि, भारत की मदद से 1971 में बांग्लादेश पाकिस्तान के चंगुल से आजाद हो सका था।

भारत से खुन्नस क्यों

पिछले 15 साल से बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार थी। भारत से उनके रिश्ते बहुत अच्छे थे लेकिन 5 अगस्त, 2024 को एक महीने के लंबे छात्र आंदोलन और देशव्यापी उपद्रव के बाद जब हसीना ढाका से भागकर भारत पहुंची और सेना की मदद से मोहम्मद यूनुस वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया बने, तब से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मोहम्मद यूनुस शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण कराना चाहते हैं लेकिन भारत ने उस पर चुप्पी साध रखी है। शेख हसीना भारत की मित्र और पाकिस्तान की कट्टर आलोचक रही हैं। उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की अगुवाई में ही बांग्लादेश पाकिस्तान से आजाद हुआ था।

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भारत के लिए क्यों अहम बांग्लादेश

भारत के लिए बांग्लादेश काफी मायने रखता है क्योंकि भौगोलिक रूप से अलग-थलग पूर्वोत्तर राज्यों को बंगाल की खाड़ी से जोड़ने के लिए बांग्लादेश बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों देश बंगाल की खाड़ी में 4,000 किलोमीटर से ज्यादा जमीनी सीमा और समुद्री सीमा साझा करते हैं लेकिन बांग्लादेश ने पाकिस्तानी हुक्मरानों को खुश करने के लिए वहां से आयात होने वाली सभी वस्तुओं के अनिवार्य 100 प्रतिशत निरीक्षण को समाप्त कर दिया है। मोहम्मद यूनुस सरकार का तर्क है कि इस कदम का उद्देश्य कस्टम क्लीयरेंस में तेजी लाना और व्यापार को बढ़ाना है। हालांकि जानकार कह रहे हैं कि इस कदम से यूनुस ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है क्योंकि व्यापार के लिए जो रास्ता खोला गया है, वह आतंक की सप्लाई का रास्ता बन सकता है। इसने बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के भी खतरा उत्पन्न कर दिया है।

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