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बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए क्या कर रही है सरकार, ओवैसी के सवाल पर जयशंकर ने दिया जवाब

  • Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संसद में बांग्लादेशी हिंदुओं के मुद्दों पर जवाब दिया। हैदराबाद सांसद ओवैसी के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि हम लगातार इस मुद्दे पर अपना ध्यान बनाए हुए हैं। हमने इस मामले में अपनी चिंता को पड़ोसी देश की सरकार के साथ भी साझा किया है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 Dec 2024 02:28 PM
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बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की आवाज शुक्रवार को भारतीय संसद में भी गूंजी। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने सरकार से बांग्लादेशी हिंदुओं के मुद्दें पर सवाल पूछा। ओवैसी ने कहा कि हमारी सरकार वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर क्या कर रही है। ओवैसी के सवाल पर जवाब देते हुए विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि हम इस मुद्दे पर अपना ध्यान बनाए हुए हैं।

विदेश मंत्री ने ओवैसी के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार लगातार पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर अपना ध्यान बनाए हुए हैं। हमने इस मुद्दे को पड़ोसी देश की सरकार के साथ भी उठाया है। हमारे विदेश सचिव भी अभी हाल ही में बांग्लादेश दौरे पर गए हुए थे, जहां पर उन्होंने पड़ोसी देश की सरकार के सामने इन मुद्दों को उठाया था।

संसद में ओवैसी ने नेपाल के बारे में सवाल पूछते हुए कहा कि नेपाल ने हमारे क्षेत्रों को अपने करेंसी में दिखाया है। इस पर भारत सरकार क्या कर रही है। विदेश मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि हमारी सीमाओं के लेकर हमारी पॉलिसी शुरुआती पूर से अडिग है। हम लगातार इस पर बने हुए हैं।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीनी सीमा विवाद के मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। तिवारी ने कहा कि एक आईपीएस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सेनाओं के पीछे हटने के बाद क्या भारतीय सेना की चौकियों तक पहुंच है। इस पर जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि किसी ने कुछ लिखा है तो उसका जवाब वह खुद ही दे सकता है। मैं सरकार की तरफ से जवाब दे सकता हूं। इस पूरे घटनाक्रम पर मैंने हाल ही में एक विस्तृत बयान दिया है। उसमें मैंने बताया है कि जो समझौता हुआ है। वह डेपसांग और डेमचौक से संबंधित है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं उन सभी गश्ती प्वाइंट पर जा सकती है, जहां पर हम ऐतिहासिक रूप से गश्त करते आ रहे हैं।

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