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Atul Subhash: तू मर जा, मेरी बेटी ठीक रहेगी; ससुर के 'टॉर्चर' के तंग आकर कांस्टेबल ने की आत्महत्या

  • बेंगलुरु के हुलिमावु ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में तैनात 34 वर्षीय हेड कांस्टेबल थिप्पन्ना, विजयपुरा जिले के सिंधगी के पास हैंडिगनुर गांव के निवासी थे।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बेंगलुरुSat, 14 Dec 2024 03:58 PM
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एक दिल दहला देने वाली घटना में बेंगलुरु पुलिस के हेड कांस्टेबल ने वर्दी में आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह कदम उन्होंने पत्नी और ससुराल वालों द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बाद उठाया। यह घटना बिहार के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले के बाद सामने आई है, जिन्होंने सोमवार को एक वीडियो और नोट जारी करते हुए अपनी पत्नी पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और आत्महत्या कर ली।

हेड कांस्टेबल थिप्पन्ना ने दी जान

बेंगलुरु के हुलिमावु ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में तैनात 34 वर्षीय हेड कांस्टेबल थिप्पन्ना, विजयपुरा जिले के सिंधगी के पास हैंडिगनुर गांव के निवासी थे। उन्होंने शुक्रवार रात शहर के हीलालिगे रेलवे स्टेशन और कार्मेलाराम हुसागुरु रेलवे गेट के बीच रेल पटरियों पर जान दे दी। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें थिप्पन्ना ने अपनी पत्नी और ससुर यमुनप्पा को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया।

नोट में उन्होंने लिखा, "12 दिसंबर को उन्होंने मुझे रात 7:26 बजे फोन किया और 14 मिनट तक बात की। इस दौरान उन्होंने मुझे धमकी दी। अगले दिन जब मैंने अपने ससुर से बात की, तो उन्होंने मुझे मर जाने को कहा और कहा कि उनकी बेटी मेरे बिना बेहतर रहेगी।" नोट में लिखा है, “उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार भी किया।”

पुलिस ने दर्ज किया मामला

थिप्पन्ना के शव को अस्पताल के मोर्चरी में भेजा गया और बयप्पनाहल्ली रेलवे पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 108, 351(3), और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इंजीनियर अतुल सुभाष का मामला

इस घटना से पहले बेंगलुरु में कार्यरत एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या की थी। उन्होंने एक घंटे लंबे वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में पत्नी और उसके परिवार पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे।

नोट में अतुल ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने तलाक के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की थी। उन्होंने लिखा, "अगर अदालत मेरे आरोपों को नकार देती है, तो मेरी अस्थियों को अदालत के बाहर नाले में डाल देना। जब तक मेरे दोषियों को सजा न मिले, मेरी अस्थियों का विसर्जन मत करना।" अतुल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट को ईमेल भेजकर प्रताड़ित पतियों के लिए मदद की गुहार भी लगाई थी।

सोशल मीडिया पर उठा #MenToo अभियान

अतुल की आत्महत्या के बाद सोशल मीडिया पर #MenToo और #JusticeForAtulSubhash ट्रेंड हुआ। कई पुरुषों ने इस अभियान के जरिए अपनी पीड़ा और अनुभव साझा किए। दोनों घटनाओं ने समाज में पुरुषों के अधिकारों और विवाह संबंधी विवादों में न्याय की मांग को लेकर नई बहस छेड़ दी है। पुलिस दोनों मामलों की गहन जांच कर रही है।

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