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परमाणु बम ने 500 गुना ज्यादा तबाही, धरती की ओर बढ़ रहा क्षुद्रग्रह; मुंबई-कोलकाता पर खतरा?

  • अगर यह क्षुद्रग्रह मुंबई या कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहरों से टकराता है, तो पूरा इलाका खंडहर में बदल सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस टक्कर से होने वाला विस्फोट हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा ताकतवर होगा।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 20 Feb 2025 02:25 PM
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परमाणु बम ने 500 गुना ज्यादा तबाही, धरती की ओर बढ़ रहा क्षुद्रग्रह; मुंबई-कोलकाता पर खतरा?

मुंबई और कोलकाता समेत दुनिया के कई बड़े शहरों पर अंतरिक्ष से तबाही का साया मंडरा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि 2024 YR4 नामक एक विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके टकराने की संभावना अब 3.1% तक बढ़ गई है, जो पहले 2.3% थी। अगर यह मुंबई या कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहरों से टकराता है, तो पूरा इलाका खंडहर में बदल सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस टक्कर से होने वाला विस्फोट हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा ताकतवर होगा।

किन इलाकों पर मंडरा रहा खतरा?

इस संभावित टकराव का असर पूर्वी प्रशांत महासागर, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, अरब सागर और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में दिख सकता है। वैज्ञानिकों ने खासतौर पर मुंबई, कोलकाता, ढाका, बोगोटा, आबिदजान, लागोस और खार्तूम जैसे बड़े शहरों पर खतरे की बात कही है।

कितना बड़ा है ये क्षुद्रग्रह?

2024 YR4 की चौड़ाई 300 फीट और लंबाई 130 फीट बताई जा रही है। यदि यह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है, तो यह लगभग 8 मेगाटन टीएनटी के बराबर ऊर्जा छोड़ सकता है। इसकी ताकत इतनी होगी कि यह हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा विनाशकारी हो सकता है।

पहले भी आया था ऐसा खतरा

इससे पहले भी पृथ्वी पर बड़े क्षुद्रग्रहों के टकराने के प्रमाण मिल चुके हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि डायनासोरों के विलुप्त होने की वजह भी एक विशाल क्षुद्रग्रह ही था, जिसका आकार लगभग 6 मील था। हालांकि, 2024 YR4 उस स्तर का खतरा नहीं पैदा करेगा, लेकिन इससे कई बड़े शहर तबाह हो सकते हैं।

नासा क्या कर रहा है?

नासा और इंटरनेशनल एस्टेरॉयड वार्निंग नेटवर्क इस क्षुद्रग्रह की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। अप्रैल तक इसे पृथ्वी से टेलीस्कोप की मदद से देखा जा सकता है, फिर यह 2028 में दोबारा नजर आएगा। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है।

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