Hindi Newsदेश न्यूज़Assam future in danger Big statement of Himanta Biswa Sarma also spoke on the difference in Hindu Muslim population

असम का भविष्य खतरे में; हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान, हिन्दू-मुस्लिम आबादी के अंतर पर भी बोले

  • असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम आबादी के घटते संतुलन को गंभीर चुनौती बताया और इसके समाधान के लिए विभिन्न कदम उठाने की बात की।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 15 Aug 2024 04:51 PM
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। अपने भाषण में उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच घटते जनसंख्या संतुलन को एक बड़ी चुनौती के रूप में रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के मूल निवासी धीरे-धीरे राज्य के 12-13 जिलों में अल्पसंख्यक बनते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि असम में हिंदू आबादी जो पहले 60-65% के बीच थी, अब घटकर लगभग 57% रह गई है। वहीं मुस्लिम आबादी 2021 तक बढ़कर 41% हो गई है। उन्होंने इस असंतुलन को ठीक करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी समुदायों से परिवार नियोजन के मानदंडों का पालन करने का आग्रह किया और बहुविवाह के खिलाफ चेतावनी दी।

सरमा ने आदिवासी भूमि और हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने अब तक अतिक्रमणकारियों से 167 वर्ग किलोमीटर वन भूमि वापस ले ली है और कहा कि इस अतिक्रमण के लिए मुख्य रूप से एक समुदाय जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ग्वालपाड़ा जिले में आदिवासी और अन्य स्थानीय समुदायों द्वारा भूमि की बिक्री को रोकने के लिए एक सख्त कानून लाएगी।

मुख्यमंत्री ने कोच-राजबोंगशी, बोडो और राभा जैसे समुदायों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा के लिए आगामी विधानसभा सत्र में नया कानून पेश करने की योजना की भी घोषणा की। इसके अलावा सरमा ने मौजूदा आदिवासी क्षेत्रों के बाहर सूक्ष्म आदिवासी बेल्ट बनाने का भी उल्लेख किया, ताकि भूमि संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

असम सरकार 2 अक्टूबर से मिशन बसुंधरा के तीसरे संस्करण की शुरुआत करेगी, जिसका उद्देश्य गुवाहाटी की पहाड़ियों में रहने वाले स्थानीय लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करना है। सरमा ने चाय बागानों की जमीन को मजदूरों को लौटाने की योजना का भी ऐलान किया और जल्द ही इस संबंध में नीति का अनावरण किया जाएगा।

भूमि सुधारों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने राज्य में अधिवास नीति शुरू करने की योजना का भी खुलासा किया, ताकि सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अद्यतन प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की प्रतिबद्धता भी जताई, जो 9.22 करोड़ बायोमेट्रिक रिकॉर्ड के निलंबन के कारण रुकी हुई थी।

सरमा ने बाल विवाह को कम करने में सरकार की प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि इस साल 31 मई तक 5,413 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से कई मामलों में सजा भी हुई। उन्होंने 2026 तक असम से बाल विवाह को पूरी तरह समाप्त करने की कसम खाई और इस लड़ाई में शिक्षा को एक महत्वपूर्ण हथियार बताया।

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