पीएम मोदी 56 इंच का सीना होने का करते हैं दावा, मगर F-35 विमान पर चुप रहे: असदुद्दीन ओवैसी
- असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बताना चाहेंगे कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि जो कोई भी संसद में भाषण देंगे, उनके भाषण का उर्दू और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शनिवार को निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी 56 इंच का सीना होने का दावा करते हैं, लेकिन भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एकपक्षीय तरीके से की गई घोषणा पर चुप्पी साध लेते हैं। पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर एआईएमआईएम मुख्यालय में वह सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर समाजवादी पार्टी नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर भी हमला बोला। आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन चाहते हैं कि दूसरों के बच्चे उर्दू सीखें और मौलवी बनें। ओवैसी ने कहा कि उर्दू का विरोध स्वतंत्रता संग्राम के विरोध के समान है।
असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका की हालिया यात्रा के दौरान पीएम मोदी की ट्रंप के साथ हुई मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि हम नरेंद्र मोदी को एफ-35 बेचेंगे। उन्होंने कहा, ‘वह फैसला करेंगे या हम तय करेंगे? हमारे प्रधानमंत्री, जो 56 इंच का सीना होने का दावा करते हैं, वहां चुप थे। हमारे बारे में फैसला करने वाले ट्रंप कौन होते हैं? श्रीमान मोदी। हम तय करेंगे कि हमें F-35 चाहिए, यूरोपीय लड़ाकू विमान चाहिए या क्या चाहिए। आपने वहां उनकी बात कैसे सुनी?’
ओवैसी ने सीएम योगी पर भी साधा निशाना
यूपी के सीएम पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इस देश को 'एक भाषा, एक धर्म, एक विचारधारा और एक नेता' के अनुसार बनाना चाहती है। आदित्यनाथ ने विधानसभा की कार्यवाही का उर्दू में अनुवाद कराने की मांग करने के लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ‘वे अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन जब सरकार दूसरों के बच्चों को यह अवसर देना चाहती है, तो वे (सपा नेता) कहते हैं 'उन्हें उर्दू सिखाओ'। वे इन बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। वे देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं।’
ओवैसी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बताना चाहेंगे कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि जो कोई भी संसद में भाषण देंगे, उनके भाषण का उर्दू और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। AIMIM चीफ ने कहा कि आदित्यनाथ को यह भी नहीं पता कि उर्दू उत्तर प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा के लोग नहीं जानते कि उर्दू को अन्य भाषाओं की तरह संविधान की ओर से संरक्षण प्राप्त है। वे नहीं जानते कि हर मुसलमान उर्दू नहीं बोलता, यह मुसलमानों की भाषा नहीं है। यह देश की आजादी की भाषा रही है। यह इस देश की भाषा है।’
ओवैसी ने राम मंदिर को लेकर क्या कहा
अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि खबरों में अक्सर कहा जाता है कि 400 साल पहले एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने एक विदेशी लेखक के हवाले से कहा कि शुंग वंश के शासक पुष्यमित्र शुंग ने हजारों बौद्ध मठों और विहारों को ध्वस्त कर दिया था। ओवैसी ने कहा कि चीनी विद्वान ह्वेनसांग ने लिखा है कि राजा शशांक ने बोधि वृक्ष को कटवा दिया था। उन्होंने कहा, ‘वे मुझसे कहते हैं कि बोलो। मुझे मुगलों से क्या लेना-देना? वे बादशाह थे। सम्राटों का कोई धर्म नहीं होता। सम्राट अपने शासन का विस्तार करने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं। 500 साल पहले क्या हुआ था, वर्तमान में उसका क्या किया जाए।’
हाल ही रिलीज फिल्म 'छावा' की प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सराहना करने का भी ओवैसी ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को उनसे (मराठा समुदाय से) प्यार है तो उसे मराठों को आरक्षण देना चाहिए। एआईएमआईएम नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राजग सरकार मुसलमानों के प्रति नफरत के आधार पर और उनकी मस्जिदें छीनने के लिए वक्फ पर कानून बनाने के उद्देश्य से वक्फ विधेयक ला रही है। ओवैसी ने दिल्ली में छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद और अन्य लोगों के लिए जमानत का समर्थन किया, जो 5 साल से अधिक समय से जेल में हैं।